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मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से इन मशीनों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए परिसर में दो बड़े कमरों को इनके लिए आरक्षित भी कर दिया है। बकायदा कमरे के बाहर सीटी स्कैन और एमआरआई कक्ष लिखकर बोर्ड भी चस्पा कर दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान एक निजी संस्थान से एमआरआई और सीटी स्कैन के लिए समझौता भी किया गया था ताकि मरीजों को सस्ते दर पर जांच की सुविधा मिल सके। हालांकि इससे भी कोई खास राहत नहीं मिली।
CG Health: प्राइवेट में जांच कराना भारी पड़ रहा
दरअसल अब डॉक्टर गंभीर या फिर सामान्य रूप से घायल मरीजों को सीधे सीटी स्कैन कराने की सलाह देते हैं। क्रिटिकल कंडीशन वाले घायल मरीजों की एमआरआई जरूरी हो गई है ताकि मरीजों लगे चोट की पहचान कर इलाज शुरू कर सकें। यहां सरकारी सुविधा नहीं होने से मरीजों को प्राइवेट संस्थान में हजारों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। गरीब तबके के मरीजों के लिए यह संभव भी नहीं है।
उम्मीद जगी है, जल्द मिलेगी सुविधा
हाल ही में राजनांदगांव के विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की समस्याओं को दूर करने के लिए अफसरों की राजधानी में बैठक ली। विशेषकर सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन को लेकर जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी कराने के निर्देश दिए हैं। विस अध्यक्ष ने सीजीएमएससी के अफसरों को इन मशीनों की जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
CG Health: यहां से भी आते हैं मरीज, इसलिए सिस्टम जरूरी
एमसीएच में राजनांदगांव ही नहीं बल्कि दोनों नए जिले के अलावा पड़ोसी जिले कवर्धा, बेमेतरा, बालोद की ओर से भी मरीज आते हैं। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। सड़क दुर्घटना के केस भी यहां रोज आते हैं। इसलिए डॉक्टर भी मानते हैं कि इन मशीनों की उपलब्धता जरूरी है।
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शुरू से मिलनी थी सुविधा
पत्रिका ने इन दोनों ही मशीनों की उपयोगिता और जल्द ही उपलब्धता को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा की बात सामने आई कि राज्य सरकार को एमसीएच खोलने के साथ ही इन मशीनों की उपलब्धता करानी थी ताकि मरीजों को जांच के लिए बाहर न जाना पड़े। टेंडर की प्रक्रिया को जल्द पूरी कराने के लिए सरकार को निगरानी टीम का गठन भी करना चाहिए ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की ढिलाई न हो।