लखन के नाम खुली थी लॉटरी
लॉटरी का जो पार्सल सिटी थाने पहुंचा था, वह किसी लखन के नाम पर था, लेकिन उसमें पता सिटी थाने का था, इस कारण यह पार्सल थाने पहुंच गया, जिसमें एक कूपन के साथ पैम्प्लेट्स भी था, पार्सल भेजने वाले की यह मंशा नजर आ रही थी, इसे पढ़कर निश्चित ही व्यक्ति पैसे के लालच में आकर झांसे में आ जाएगा, लेकिन सिटी थाने के एसआइ रजनीश सिरोठिया ने देखा तो सबकुछ स्पष्ट हो गया।
मोबाइल नंबर पर कॉल करना भी घाटे का सौदा
फर्जी लॉटरी टिकट के साथ बताए जा रहे मोबाइल नंबर पर कॉल करना भी घाटे का सौदा हो सकता है, इसलिए ऐेसे किसी भी नंबर पर आमजन को कॉल करने से बचना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी किसी प्रकार की लिंक नजर आए या फिर मेल आए तो उस पर भी क्लिक नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई बार एक क्लिक करते ही आपकी सारी डिटेल भी साइबर अपराधी के पास पहुंच जाती है। और वे आपको ही ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाते हैं।
पहले खुली थी कार
जिस लखन के नाम पर यह पार्सल आया था, जब उसे फोन लगाया तो लखन ने बताया कि उसने कुछ माह पूर्व उक्त कपंनी से दवाईयां मंगवाई थी, जो नकली निकली थी, फिर उसे कॉल आया कि आपको कार खुली है, जिसका टैक्स अमाउंट आपको जमा करवाना है, इसके लिए करीब आठ हजार रुपए जमा करने की बात कही थी, लेकिन युवक जागरूक था, उसने एक भी रुपए जमा नहीं किए थे।
नागरिक खुद रहे जागरूक
ऑनलाइन कॉल्स, मैसेज, ई-मेल सहित अन्य शॉपिंग में नागरिक जागरूक रहें, ऐसे किसी भी व्यक्ति की बात में नहीं आएं, पहले जांचे, परखें, उसके बाद ही कोई भुगतान करें, आप खुद सतर्क रहकर ही ऑनलाइन फर्जीवाड़े से बच सकते हैं।