साथ ही दरअसल, 21-22 अगस्त को लगातार और पूरे प्रदेशभर में हुई अतिवृष्टि के चलते पार्वती नदी उफान पर रही। नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि कुंभराज पार्वती नदी के ब्रिज का पिलर (गॉर्डर) ही तिरछा हो गया। इससे पटरियां प्रभावित हुईं और तिरछी भी हो गईं। रेलवे प्रोटोकॉल के हिसाब से उन पर से ट्रेनें निकाल पाना मुश्किल था। इसी कारण 23 से 28 अगस्त तक यहां ट्रेनें रोकी गई थीं। कुछ रद्द की हैं कुछ को आंशिक रद्द किया गया था। 29 अगस्त से सुचारू रूप से यहां आवागमन शुरू किया गया है।
कुछ ट्रेनें कोटा होकर गईं, कुछ रद्द रहीं
23 अगस्त के दिन से ही लगातार मक्सी-रुठियाई रेल खंड का यातायात बाधित रहा। यहां होकर आने वाली सभी ट्रेनें या तो डायवर्ट की गई या पूरी तरह से रद्द। हालांकि इंदौर-कोटा इंटरसिटी को छोडकर बाकि ट्रेनें बदले हुए रूट से चलती रहीं। वहीं, बीना-नागदा पैसेंजर आंशिक रूप से रद्द है। यानि गुना से बीना तक चलती रही। वहीं, बाकि की साप्ताहिक और रूटीन वाली लंबी दूरी की गाडिय़ां कोटा-नागदा और भोपाल-मक्सी होकर चलाई गईं।
सुरक्षा से समझौता नहीं करता रेलवे : डीआरएम
भोपाल मंडल के डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने पत्रिका से हुई विशेष बात-चीत में बताया कि तकनीकि रूप से कुछ दिक्कतें ब्रिज पर रही हैं। जिसे हमारी टीम ने ठीक कर दिखाया। कुछ पेड़-पौधे इत्यादि उसमें फंसे हैं, पिलर (गॉर्डर) को दिक्कत हुई है, जिससे रेल संरक्षा और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए हमने ये ट्रेनें स्थगित की हैं। रेलवे कभी भी यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता है। भले ही देर लग जाए लेकिन पूरी तरह से हमारी तकनीकि विंग के संतुष्ट होने के बाद ही कुंभराज ब्रिज से आवागमन सुचारू हो पाएगा।
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काम जोरों पर चला, दिन-रात हमारी टीमें लगी रहीं। जो ट्रेनें रद्द थीं, कुछ के रूट बदले थे वे सब अब ब्यावरा आने लगेंगी। सभी ट्रेनें अपने तय समय पर आने लगेंगी। साप्ताहिक और रुटीन सभी चालू हो जाएंगी।
-सुबेदार सिंह, सीनियर पीआरओ, पमरे, भोपाल