scriptइस गांव का बच्चा-बच्चा बोलता है फर्राटेदार संस्कृत, ‘गुड म़ॉर्निंग’ की जगह ये कहकर होती है सुबह शुरु | everyone talks in sanskrit In jhiri village rajgarh MP | Patrika News
राजगढ़

इस गांव का बच्चा-बच्चा बोलता है फर्राटेदार संस्कृत, ‘गुड म़ॉर्निंग’ की जगह ये कहकर होती है सुबह शुरु

इस गांव में रहने वाला हर एक शख्स यहां तक की बच्चा-बच्चा संस्कृत में बातचीत करता है।

राजगढ़Feb 07, 2022 / 08:31 pm

Faiz

News

इस गांव का बच्चा-बच्चा बोलता है फर्राटेदार संस्कृत, ‘गुड म़ॉर्निंग’ की जगह ये कहकर होती है सुबह शुरु

राजगढ़. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर स्थित झिरि गांव ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस गांव में रहने वाला हर एक शख्स यहां तक की बच्चा-बच्चा संस्कृत में बातचीत करता है। खास बात ये है कि, यहां संस्कृत सिर्फ किसी एक धर्म विशेष के लोग नहीं बल्कि हिंदू हो या मुसलमान, नौकरीपेशा या दुकानदार, सभी आम बातचीत करते हैं।


यही नहीं, गांव के घरों की दीवारों पर भी संस्कृत में ही श्लोक लिखे गए हैं। कुल मिलाकर यहां के लोगों ने संस्कृत भाषा को पूरी तरह अपनाया हुआ है। यहां रहने वाले किसी शख्स से अगर आप सुब सुबह मुलाकात करते हैं तो वो आपसे ‘गुड मॉर्निंग’ नहीं बल्कि ‘नमो-नम:’ कहेगा। हैरानी की बात तो ये है कि, इस गांव के आसपास का हर गांव हिंदी में अपनी लोकल टोन का मिश्रण करके बातचीत करते हैं, जिनसे रोजाना इस गांव के लोगों का मिलना जुलना होता रहता है, बावजूद इसके गांव के लोग बाहरी शख्स से ही अन्य भाषाओं में बातचीत करते हैं पर अपने गांव के लोगों से नहीं। फिर भले ही वो कई छोटा बच्चा ही क्यों न हो।

 

यह भी पढ़ें- डूबती युवती को बचाने तालाब में कूदा युवक, युवती खुद निकल आई, 3 घंटे बाद निकला युवक का शव


समाज सेविका का अहम योगदान

बता दें कि, इस गांव में संस्कृत से लगाव साल 2002 से लोगों में हुआ है। ग्रामीणों की मानें तो इस भाषा का महत्व और उसे सिखाने में समाज सेविका विमला तिवारी का अहम योगदान रहा है। विमला की फिक्र और ग्रामीणों के शौख के दम पर धीरे-धीरे गांव के लोगों में दुनिया की प्राचीन भाषा के प्रति रुझान बढ़ने लगा और आज पूरा गांव फर्राटेदार संस्कृत बोलता है।


इस तरह दूसरे गांवों में भी की जा रही संस्कृत सिखाने की शुरुआत

News

करीब एक हजार की आबादी वाले झिरी गांव में महिलाएं, किसान और मजदूर भी एक-दूसरे से संस्कृत में ही बातचीत करते हैं। दो दशक पहले यहां संस्कृत भारती से जुड़े लोगों ने इसकी शुरुआत कराई थी। तभी से संस्कृत भाषा लोगों को इतनी भाई कि, लोगों ने ग्रामीणों ने उसे पूरी तरह अपना लिया। ग्रामीण कहते हैं कि, ये भाषा बहुत मीठी है। इसमें बोलचाल में अपनापन झलकता है। यही नहीं यहां से जो हमारी बहनों की शादी दूसरे गांवों में हुई है, वहां वो उन गांवों और इलाकों में जाकर अब वहां के लोगों को संस्कृत सिखाने का प्रयास कर रही हैं।

झिरि गांव के घरों के नाम भी संस्कृत में हैं। कई घरों के बाहर ‘संस्कृत गृहम’ लिखा है। खास बत ये है कि, इस गांव के नौजवान संस्कृत भाषा को लेकर खासी मेहनत कर रहे हैं। वह स्कूलों के अलावा गांव के बच्चों को मंदिर, गांव के चौपाल में इकट्ठा करके संस्कृत सिखाते हैं। इतना ही नहीं, गांव में शादी-विवाह के मौकों पर भी यहां की महिलाएं संस्कृत भाषा में ही गीत गायन करती हैं।

 

चैनल गेट में सिर डालते ही फंस गई युवक की गर्दन, देखें वीडियो

https://www.dailymotion.com/embed/video/x87k9om

Hindi News / Rajgarh / इस गांव का बच्चा-बच्चा बोलता है फर्राटेदार संस्कृत, ‘गुड म़ॉर्निंग’ की जगह ये कहकर होती है सुबह शुरु

ट्रेंडिंग वीडियो