Mulayam Singh Yadav Funeral : मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन, अब सिर्फ रह गईं यादें
मुलायम सिंह यादव नहीं रहें। पैतृक गांव सैफई में मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए चंदन की लकड़ियों लगाई गई। इत्र नगरी कन्नौज के फूलों से श्रद्धांजलि दी गई। अखिलेश यादव ने नेताजी को मुखाग्नि दी। मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर अब पंचतत्व में विलीन हो गया है। नेता जी के अंतिम दर्शन के लिए सैफई में जनसैलाब उमड़ा था। हर तरफ सिर्फ सिसकियां सुनाई दे रही थी या फिर ‘जब तक सूरज चांद रहेगा नेताजी का नाम रहेगा’ के नारे। मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में राजनीति के तमाम दिग्गजों ने नेताजी को अंतिम विदाई दी। अब जनता, कार्यकर्ता, राजनीतिक दल, अफसर उनके कामों पर ही चर्चा करेंगे। अब सिर्फ मुलायम सिंह यादव ‘नेताजी’ यादें रह गईं है।
सैफई से शुरू सफर सैफई में खत्म सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव (82 वर्ष) का सोमवार सुबह 8.16 पर गुरुग्राम मेदांता में निधन हो गया था। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर अकांउट के जरिए मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी दी। मुलायम सिंह यादव का जन्म सैफई में हुआ था। भारतीय राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी मुलायम सिंह का सैफई से शुरू सफर सैफई में ही खत्म हो गया।
यह भी पढ़े – सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव आठ बार एमएलए व 7 बार चुने गए सांसद, जानें और रोचक बातें‘नेताजी’ को सिर्फ एक बार निहारना चाहते थे लोग लोगों का हुजूम मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को एक बार देखना और निहारना चाहता था। अब इसके बाद नेताजी नहीं मिलेंगे। अंतिम दर्शन को इतनी भीड़ उमड़ी रही थी कि, संभालना मुश्किल हो गया। लोगों के सब्र का बांध टूटता देख खुद प्रोफेसर राम गोपाल यादव, शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और धर्मेद्र यादव आगे आए और लोगों को हाथ जोड़कर ढांढस बंधाया। लोग रो रहे थे। अखिलेश भी रोना चाहते थे लेकिन पता था कि अगर वह रोए तो शायद कार्यकर्ताओं को संभालना मुश्किल हो जाएगा।