World Heart Day 2024: कम उम्र में दिल हो रहा कमजोर, 22 साल के मेडिकल छात्र की हार्ट अटैक से हुई मौत, Youth में बढ़ रहा खतरा
World Heart Day 2024: रायपुर में हार्ट की बीमारी पहले 50 साल या इससे ऊपर वालों की मानी जाती थी, लेकिन बदलती जीवनशैली व खानपान से युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यानी अब कम उम्र में ही दिल कमजोर हो रहा है, जो चिंता का विषय है।
World Heart Day 2024: पीलूराम साहू. छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में हार्ट की बीमारी पहले 50 साल या इससे ऊपर वालों की मानी जाती थी, लेकिन बदलती जीवनशैली व खानपान से युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यानी अब कम उम्र में ही दिल कमजोर हो रहा है, जो चिंता का विषय है। हाल ही में नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकंड ईयर के एक छात्र की मौत मेजर हार्ट अटैक से हो गई थी। इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक से डॉक्टर भी हैरान हैं। विशेषज्ञों के अनुसार खानपान में बदलाव कर व जीवनशैली सुधारकर हार्ट संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है।
World Heart Day 2024: 22 साल के युवक को हार्ट अटैक से मौत
विश्व हार्ट दिवस 2024 की थीम है यूज हार्ट फॉर एक्शन। इस थीम का मतलब ये है कि हमें अपने हार्ट का सही उपयोग करना चाहिए। साथ ही साथ हार्ट का ख्याल भी रखना चाहिए, जिससे हम एक्शन लेने में समर्थ बने रह सकें। पिछले कुछ सालों से हार्ट की बीमारी जवान होती जा रही है। पत्रिका ने हार्ट संबंधी बीमारियों की केस स्टडी की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
हाल ही में जहां मेडिकल स्टूडेंट की मौत हुई, वहीं एक अन्य 22 साल के युवक को हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गनीमत रही की समय पर इलाज मिलने से युवक की जान बच गई, लेकिन मेडिकल स्टूडेंट की जान चली गई। कहने का मतलब ये है कि अब हार्ट की बीमारी उम्र देखकर नहीं आ रही है। ये किसी भी उम्र के लोगों को घेर रही है। तीन साल पहले आंबेडकर अस्पताल में 26 साल की एक गर्भवती महिला को हार्टअटैक आया था। तब ये सबसे कम उम्र की महिला थी।
मोबाइल फोन की लत भी घातक
मोबाइल फोन की लत भी घातक है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसे कई बच्चे आ रहे हैं, जिनकी उम्र महज 15 से 20 वर्ष के बीच होती है। ये घंटों मोबाइल पर गेम खेलते हैं या दूसरी चीजों में व्यस्त रहते हैं। इससे इनमें मोटापा बढ़ रहा है। मोटापे के कारण बड़ों को होने वाली बीमारियां और डायबिटीज इन्हें घेर रहा है। डायबिटीज के कारण उनके किडनी या हार्ट पर भी फर्क पड़ रहा है। बाद में यही बच्चे युवा होते हैं और हार्ट की बीमारी से घिर जाते हैं। शराब का सेवन व स्मोकिंग भी युवाओं के हार्ट संबंधी बीमारी को बढ़ा रहे हैं।
नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के एचओडी कार्डियक सर्जरी के डॉ. कृष्णकांत साहूने बताया की शारीरिक व्यायाम में कमी, फास्ट या जंक फूड, साफ्ट ड्रिंक का ज्यादा सेवन हार्ट के मरीजों को बढ़ा रहा है। आरामतलब जिंदगी व मोबाइल की लत मोटापा बढ़ रहा है, जो डायबिटीज का कारण है। इससे भी हार्ट संबंधी समस्या हो रही है। स्मोकिंग के साथ शराब का सेवन हार्ट की नसों को कमजाेर करता है। ये हार्ट अटैक का कारण बनता है।
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