scriptराजधानी में जिम्मेदार ही नहीं समझ रहे समय की अहमियत, घंटों देरी से पहुंच रहे कार्यालय, लोग परेशान | Work is not being done in government offices of Raipur | Patrika News
रायपुर

राजधानी में जिम्मेदार ही नहीं समझ रहे समय की अहमियत, घंटों देरी से पहुंच रहे कार्यालय, लोग परेशान

Raipur News: जिले के सरकारी कार्यालयों में कई अधिकारी-कर्मचारी समय की अहमियत नहीं समझ रहे हैं।

रायपुरNov 25, 2023 / 01:42 pm

Khyati Parihar

Work is not being done in government offices of Raipur

राजधानी में जिम्मेदार ही नहीं समझ रहे समय की अहमियत

रायपुर। Chhattisgarh News: जिले के सरकारी कार्यालयों में कई अधिकारी-कर्मचारी समय की अहमियत नहीं समझ रहे हैं। इस कारण हर माह 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिजूलखर्ची हो रही है। इसकी सीधी वजह ड्यूटी टाइमिंग को लेकर है। शासन की ओर से एक कर्मचारी को एक माह तकरीबन 35 से 50 हजार वेतन दिया जाता है। सप्ताह में पांच दिन और एक माह में औसतन 20 दिन कार्यालय खुलता है। यदि सभी का औसत वेतन 40 हजार मान लिया जाए तो एक दिन का 2 हजार रुपए एक व्यक्ति को मिलता है। इस आधार पर दो घंटे का 500 रुपए भुगतान किया जाता है। सिर्फ रायपुर कलेक्टोरेट कार्यालय और तहसील की
बात करें तो रायपुर कलेक्टोरेट में 450 और तहसील में 85 कर्मचारी काम करते हैं। इसके अलावा जिले में तकरीबन 70 पटवारी भी कार्यरत हैं। इस आधार पर यदि सिर्फ दो घंटे कार्यालय में नहीं रहने का नुकसान निकालें तो एक दिन में सिर्फ रायपुर में 3 लाख 2 हजार 5 सौ रुपए नुकसान होता है। एक माह की बात करें तो एक माह में लगभग 60 लाख 50 हजार रुपए की चपत सरकार को लगती है।
यह भी पढ़ें

गोरा बनने का सपना हुआ चूर-चूर, मार्केट में बिक रही यह नकली क्रीम, खाद्य विभाग ने मारा छापा

सिर्फ 40 फीसदी को लेटलतीफ मानें तो कलेक्टोरेट के और तहसील के 40 फीसदी कर्मचारी एक से दो घंटे लेट से आते हैं और कार्यालय समय से पहले चले जाते हैं तो भी 25 लाख का नुकसान सरकार को हो रहा है।
पेंडेंसी 20 फीसदी बढ़ी, जनता के नहीं हो रहे काम

प्रशासन ने सप्ताह में दो दिन छुट्टी का निर्णय लेकर सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक कार्यालय समय तय किया गया था। दो दिन की छुट्टी देने की पीछे सरकार की मंशा थी कि कर्मचारी-अधिकारी अधिक उर्जा से काम करें। जिससे आम जनता को राहत मिल सके। लेकिन इसका असर विपरीत दिख रहा है। बीते एक साल में अधिकांश कार्यालयों में पेंडेंसी 20 फीसदी तक बढ़ गई है।
सभी कार्यालयों का यही हाल

बतादें कि जिले के कलेक्टोरेट कार्यालय, तहसील, नगर निगम, वन विभाग और पटवारी कार्यालय में समय से कर्मचारी-अधिकारी नहीं मिलते हैं। कई बार तहसील कार्यालय में आम जनता पेशी दिनांक को पहुंचती है लेकिन अधिकारी छुट्टी पर मिलते हैं। इसके लिए कोई संदेश नहीं भेजा है।
यह भी पढ़ें

पति-पत्नी के झगड़े, जेल प्रहरी को निकालने समेत ऐसे अजीब शिकायतें पहुंचे निर्वाचन आयोग

देखें किसे कितना वेतन

सहायक ग्रेड 3 – 35 से 40 हजार
सहायक ग्रेड 2- 40 से 50 हजार
चपरासी – 22 से 25 हजार
डिप्टी कलेक्टर – तहसीलदार – 45 से 65 प्रति माह
(आंकड़े… हर माह का अनुमानित वेतन)
अभी अधिकांश अधिकारी कर्मचारियों को मतगणना की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसलिए कार्यालय में पहुंचने वालों की संख्या कम है। जो लोग देर से कार्यालय पहुंच रहे हैं उनको नोटिस जारी किया जाएगा। – डॉ. संजय अलंग, संभागायुक्त, रायपुर
केबल कारोबार का ढाई करोड़ से ज्यादा गबन किया, तीन के खिलाफ अपराध दर्ज – राजनांदगांव पुलिस ने दर्ज किया अपराध

यह भी पढ़ें

भूपेश बघेल की उम्मीदवारी खत्म कर होनी चाहिए जेल… विजय बघेल ने इस मामले में दिया बयान, देखें वीडियो

Hindi News/ Raipur / राजधानी में जिम्मेदार ही नहीं समझ रहे समय की अहमियत, घंटों देरी से पहुंच रहे कार्यालय, लोग परेशान

ट्रेंडिंग वीडियो