21 मामले पुलिस ने कोर्ट में किया था पेश 12 पीड़ितों को बैंक में होल्ड राशि वापस हो गया है। बाकी मामलों में सुनवाई चल रही है, उसमें जल्द फैसला होने वाला है। उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन ठगी से पीड़ित लोग सही समय पर पुलिस के पास पहुंचते हैं, तो एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम तत्काल एक्शन लेती है। ठग जिस बैंक खातों में पीड़ितों का पैसा ट्रांसफर करते हैं, उन बैंक खातों को बैंक के अधिकारियों (Cyber Fraud) से बात करके होल्ड कराते हैं। इससे उसमें जमा राशि होल्ड हो जाती हैं। इस राशि को साइबर ठग नहीं निकाल सकते हैं। पीड़ितों को भीआसानी से वापस नहीं होती थी।
अब पिछले दो माह से पुलिस ने पीड़ितों से कोर्ट में आवेदन लगाकर वापस कराना शुरू किया है। उल्लेखनीय है कि साइबर ठगी के दौरान पीड़ितों की राशि अगर पेमेंट गेटवे में रहती है, तो पुलिस उस राशि को कुछ घंटों के भीतर वापस करवा देती है, लेकिन पेमेंट गेटवे से राशि निकलने के बाद जिस बैंक खातों में जाती है, उसे होल्ड कराना पड़ता है। 1 करोड़ से ज्यादा राशि है होल्ड
ऑनलाइन ठग के शिकार हुए लोगों के अलग-अलग बैंकों में करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपए होल्ड हैं। यह केवल वर्ष 2023 में जनवरी से मई के आंकड़े हैं। वर्ष 2022 में भी लाखों रुपए होल्ड हुए हैं। उनको भी वापस कराना है।
दरअसल पहले बैंकों के नियम-कायदों के चलते होल्ड राशि को वापस करना मुश्किल था। अब पुलिस, बैंक अधिकारियों ने इसे वापस करने का रास्ता निकाल लिया है। इसके तहत पीड़ित व्यक्ति से न्यायालय में आवेदन लगवाया जा रहा है। इसी के तहत एसीसीयू ने ऑनलाइन ठगी के 21 मामलों के पीड़ितों से कोर्ट में आवेदन लगाया था। इन (cg crime news) मामलों में 10 लाख 88 हजार 072 रुपए की ठगी हुई थी।
इस वर्ष अब तक 500 से ज्यादा मामले शहर में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2023 में जनवरी से जून तक 500 से ज्यादा साइबर ठगी की ऐसी शिकायतें पुलिस को मिली है, जिसमें पुलिस ने ठगों के बैंक खातों को ब्लॉक कराया है। कई ऐसे मामले भी आए थे, जिनकी राशि पेमेंट गेटवे में थी, उसे कुछ घंटों में पुलिस ने वापस करवा दिया। पेमेंट गेटवे से राशि निकलने के (Cyber Fraud) बाद वापस आना मुश्किल हो जाता है।
साइबर ठगी के मामलों में ऐसे पीड़ित जिनकी राशि बैंकों में होल्ड है, वे सिविल लाइन स्थित साइबर सेल में संपर्क कर सकते हैं। साइबर सेल की मदद से न्यायालय में आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद न्यायालयीन प्रक्रिया होगी। कोर्ट के आदेश से राशि वापस मिल जाएगी।
-प्रशांत अग्रवाल,एसएसपी, रायपुर