बता दें कि, पोरा पर मिट्टी से बने खिलौनों का खास महत्व है। यही वजह है कि बाजारों में कुम्हार हफ्तेभर पहले से ही पसरा लगाकर खिलौने बेच रहे हैं। बुधवार (Tija Pora Festival In CM House) को दिनभर मिट्टी के खिलौने खरीदने बाजारों में भीड़ उमड़ी।
ज्यादातर जगहों पर छोटे नंदिया बइला की बिक्री 80 से 100 रुपए प्रति जोड़ी हुई। बड़े बैल 150 रुपए जोड़ी तक बिके। बीते चार सालों की तुलना में इस बार मिट्टी के खिलौने 50 से 100 रुपए की बढ़ोतरी रही। गौरतलब है कि प्रदेश के पारंपरिक बर्तन जिनमें लाल रंग का चूल्हा, हंड़िया, कुरेड़ा, गंजी, टीन, कड़ाही, जाता, सील-लोड़हा आदि शामिल है। पोरा पर मिट्टी से इन्हीं बर्तनों को छोटे आकार में तैयार किया जाता है। पूजा-अर्चना के बाद बच्चे इससे खेलते हैं। वहीं इन खिलौनों को देवी-देवताओं को अर्पित करने की परंपरा भी है।
रावणभाठा में बैल दौड़ प्रतियोगिता, सभी दलों को हजार रूपए इनाम Tija Pora Festival 2023: कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव विकास समिति ने गुरुवार दोपहर 2 बजे से रावणभाठा मैदान में बैल दौड़ प्रतियोगिता रखी है। इसमें 25 से 30 दलों के शामिल होने का अनुमान है। पहले बैलों को सजाया जाएगा। इसके बाद शाम 4 बजे मुख्य अतिथि सुशील सन्नी अग्रवाल हरी झंडी दिखाकर दौड़ प्रतियोगिता की शुरुआत करेंगे। आयोजन समिति के अध्यक्ष माधव लाल यादव ने बताया कि हिस्सा लेने वाले सभी दलों को 1 हजार रुपए नगर इनाम से सम्मानित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़िया थीम पर सजा मुख्यमंत्री निवास Tija Pora Festival In CM House: इधर, मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार से तीजा-पोरा उत्सव का आयोजन किया गया है। ये उत्सव तीन दिन चलेगा। इस खास मौके लिए पूरे सीएम हाउस को छत्तीसढ़िया थीम पर सजाया गया है। बुधवार रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने खुद पर्व की तैयारियोंका जायजा लिया। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री निवास को ठेठ पारंपरिक अंदाज में सजाया जा रहा है।
साज-सज्जा में नंदी बैल के मॉडल प्रांगण में जगह-जगह नजर आ रहे हैं, जो समृद्धि और खुशहाली का एहसास दिला रहे हैं। सूपा और टोकनी पर रंगों की खूबसूरत कारीगरी के साथ इन्हें जगह-जगह बेहद निराले अंदाज में सजाया गया है। रंग-बिरंगे तोरण और (Raipur News) पारंपरिक कलाकारी, उत्सव की थीम के अनुरूप यहां की खूबसूरती को बढ़ा रही है।