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ऐसे देते थे झांसा
साइबर ठग लिंक के जरिये टेलीग्राम, वाट्सऐप व अन्य चैटिंग एप के जरिए लोगों को मैसेज करके वेबसाइट में लाते थे। इसके बाद कई तरह के टास्क दिए जाते थे। इनमें यूट्यूब में वीडियो लाइक, सब्सक्राइब, रेटिंग, कमेंट्स जैसे काम शामिल रहते थे। इसे पूरा करने पर उन्हें पैसा देते थे। शुरुआत में पैसा देने के बाद और ज्यादा रिटर्न वाली स्कीम में ले जाते थे। उसमें निवेश करने पर कुछ फायदा देते थे। बाद में ज्यादा रकम जमा करने पर वापस नहीं करते थे। फिर उस राशि को वापस करने के एवज में और राशि जमा करने के लिए कहते थे।
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इन्हें करते थे टारगेट साइबर ठग मेटा और गूगल पर ‘घर बैठे कमाई कैसे करें’ और ‘घर बैठे नौकरी’ के की-वर्ड की सहायता से कई भाषाओं में विज्ञापन चलाते थे। इनके टारगेट में मुख्य रूप से बेरोजगार युवा, महिलाएं, सेवानिवृत्त कर्मचारी और ऐसे लोग होते थे, जो घर बैठे पैसा कमाना चाहते थे।
पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस तरह की ठगी वेबसाइटों, यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया आदि के जरिए किया जाता है। इस तरह के मामलों में पैसा देने से पहले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
-गौरव तिवारी, टीआई, साइबर थाना, रायपुर