ई-रिक्शा की बैटरी केवल अपने सोलर पैनल से ही प्रतिदिन 130 किमी तक की रेंज के लिए चार्ज हो सकती है। भले ही इस ई-रिक्शे में लगे पैनल छोटे आकार के हों, लेकिन ई-रिक्शा के लाइट, वाइपर और हार्न व साउंड सिस्टम सब सोलर बैटरी से ही संचालित होते हैं।
बिजली खर्च भी नहीं
ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए चालकों को रोज 20-25 यूनिट बिजली खर्च करनी पड़ती है। सोलर ई-रिक्शा (Solar e-rickshaw in Chhattisgarh) से इसकी बचत होगी। चालक रिक्शे को धूप में खड़ा करें या चलाएं दोनों ही स्थिति में बैटरी चार्ज होगी। धूप में लगातार चलने के दौरान भी उसका रिक्शा चार्ज होगा।
बैटरी चार्ज करने के लिए करना होता है इंतजार
अभी तक बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा एक बार चार्ज करने के बाद महज 70 किमी से 80 किमी के बीच चल पाते हैं। चार से पांच घंटे में इतनी दूरी तय करने के बाद ई-रिक्शा को बैटरी चार्ज करने के लिए सात से आठ घंटे से अधिक का समय लगता है।
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सौर ऊर्जा (Solar e-rickshaw in Chhattisgarh) से चलने वाले ई-रिक्शा की क्षमता 130 किमी से 140 किमी के बीच है। यानी ई-रिक्शा चालक एक बार बैटरी चार्ज करने के बाद करीब आठ घंटे बिना रुके चल सकते हैं। उन्हें दिन में दोबारा चार्ज करने के लिए ई-रिक्शा खड़ा करने की जरूरत भी नहीं है। इस सोलर ई-रिक्शा की कीमत दो से ढाई लाख के बीच रखी गई।
उफरान रजा, सोलर ई-रिक्शा विक्रेता ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी लंबे से समय से इसके लिए प्रयोग कर रही थी, जो सफल हो गया है। अब जल्द ही इसकी बुकिंग शुरू की जाएगी। कंपनी कुछ छोटे-छोटे प्रयोग और कर रही है।