एम्स रायपुर में सभी प्रकार के विश्वस्तरीय सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं शुरू करने की कवायद तेज कर दी गई है, इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाय) और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाय) योजना को भी शामिल किया जाएगा। वर्तमान में यहां राज्य सरकार की बाल हृदय और संजीवनी सहायता कोष योजना का लाभ मरीजों को मिल रहा है।
एम्स के डिप्टी डायरेक्टर नीरेश शर्मा ने पत्रिका से चर्चा करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों के भीतर रायपुर का एम्स तेजी से विकसित हुआ है। मरीजों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ देने लगातार प्रयास किया जा रहा है। हालांकि नए वर्ष में स्मार्ट कार्ड योजना के तहत मरीजों के लिए उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं, इसके अलावा आने वाले कुछ माह के भीतर इलाज की एेसी सभी सुविधाएं शुरू की जाएंगी जो देश के प्रतिष्ठित एम्स में मिल रही हैं।
आने वाले दो वर्षों में बेड की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। एम्स रायपुर का फायदा छत्तीसगढ़ ही नहीं, पड़ोसी राज्य ओडिशा, झारखंड व महाराष्ट्र के लोगों को भी मिल रहा है, क्योंकि पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं के लिए राजधानी रायपुर की शरण ले रहे हैं।
नए पैकेज में इन बीमारियों के इलाज शामिल
दंत रोग 4, कान-नाक-गला रोग 8, सर्जरी 27, स्त्रीरोग 7, नेत्ररोग 12, अस्थि रोग 15, शिशु रोग 43, यूरोलॉजी 27, कॉर्डियोलॉजी 14, बर्न 1, सीटीवीएस 4, क्रिटिकल केयर 30 और ओंकोसर्जरी में 17 नए पैकेज जोड़े गए हैं। यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ राज्य सरकार ने एक साल के लिए अनुबंध किया है। 50 हजार के सालाना पैकेज में कैंसर सर्जरी, कार्डियोथोरोसिक एंड वेस्क्युलर सर्जरी (सीटीवीएस) यानी हार्ट की सर्जरी, क्रिटिकल केयर (गंभीर बीमारी) बर्न (जलने) का इलाज हो सकेगा। पहली बार इन जटिल बीमारियों को स्मार्ट कार्ड में शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाएं संचालक रानू साहू ने कहा कि एम्स के डायरेक्टर से स्मार्ट कार्ड योजना शुरू करने पर चर्चा की गई है। हरसंभव प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द इस सुविधा का लाभ रायपुर एम्स में मिल सके।
रायपुर एम्स के डॉ. नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर हैं। केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ पत्र व्यवहार किया गया है। संचालक स्वास्थ्य द्वारा भी जल्द ही योजना शुरू किए जाने को लेकर चर्चा हुई है।