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पीड़ित की रिपोर्ट पर रेलवे एसपी राजेश कुकरेजा की निगरानी में तीन टीमें जीआरपी, आरपीएफ और क्राइम ब्रांच की गठित की गई थी और लगातार एक महीने की जांच के बाद गिरोह का एक आरोपी संजय पिता कर्मवीर (40) वर्ष को हरियाली जीआरपी की मदद से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।राजनांदगांव और दुर्ग के होटल में रुका था गिरोह
जीआरपी पुलिस के अनुसार हरियाणा का कुख्यात गिरोह 11 जुलाई को भगत की कोठी और 12 जुलाई को गीतांजलि एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान गिरोह के सदस्य राजनांदगांव और दुर्ग जिला के होटल में रुके थे। गिरोह ने जो एड्रेस प्रूफ होटल में जमा किया था वह जांच के दौरान पुलिस टीम के हाथ लगा और आरोपी के गांव हांसी हिसार हरियाणा में पुलिस टीम 7 दिनों तक डोरा डाला। इसकी मॉनिटरिंग रेल पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा कर रहे थे। वहां की जीआरपी और यहां के क्राइम ब्रांच व जीआरपी साइब्रर सेल की मदद एक आरोपी संजय हत्थे चढ़ गया।
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दिल्ली के किराए के घर से जब्त हुई रकम
थाना प्रभारी बोर्झा ने बताया कि आरोपी ने कड़ी पूछताछ में गिरोह में तीन युवाओं के शामिल होने की जानकारी दी है। जेबर उसका साथी बेचकर उसे बंटवारे में 3 लाख 5000 रुपए दिया था। जिसे वह दिल्ली के किराए के मकान में रखा हुआ था, उसकी निशानदेही पर जब्त किया। इस जांच टीम में एएसआई बीएन मिश्रा, आरक्षक राजेश मिश्रा, मोरध्वज वर्मा, कमल किशोर द्विवेदी शामिल थे। तीन आरोपियों के पकड़े जाने पर दोनों ट्रेनों की चोरी का पूरे मामले का खुलासा होगा।