बता दें कि तीन कंपनियों के धन की वापसी होगी। किम इंफ्रा कंपनी का गातापार स्थित आधा एकड़ भूमि को तकरीबन डेढ़ करोड़ में बेचा गया है। शुष्क इंडिया कंपनी की संपत्ति कुर्की से 6 लाख 45 हजार रुपये की राशि मिली है। इसके लिए 1420 आवेदन पहले चरण में आए थे। गोल्ड-की इंफ्रावेंचर (डेसिड बेनीफिट फंड लिमिटेड) चिटफंड कंपनी की जमीन 81 लाख एक हजार रुपये में बिकी है। उक्त कंपनी के 1600 आवेदन ऑफलाइन सिस्टम से मिले थे।
अधूरे आवेदनों से बढ़ी परेशानी
देव्यानी प्रापर्टी लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से 4 करोड़ 14 लाख 97 हजार 304 रुपए राशि वापस की गई। सबसे पहले आवेदन ऑफलाइन मंगाना पड़ा था, जिसमें 16 हजार 200 आवेदन मिले। आवेदनों में गलतियां और गलत बांड पेपर होने के कारण वेब लिंक के माध्यम से रसीद तथा दस्तावेज मंगाए गए, जिसमें 13 हजार 566 लोगों ने ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड किए गए। दस्तावेज जांच के बाद 9 हजार 866 रसीद और बांड सही पाये गए थे।
कई कंपनियों के मामले काेर्ट में विचाराधीन
42 कंपनियों से धन वापसी के लिए साढ़े 3 लाख आवेदन मिले थे। इनमें से कुल 16 चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण भेजा गया। इसमें न्यायालय के द्वारा 11 प्रकरणों में आदेश पारित किया गया है। आदेशानुसार 03 प्रकरणों में नीलामी पूरी कर ली गई है। कुल 5 करोड़ 74 लाख रुपए जिला प्रशासन को मिल चुके हैं। 06 प्रकरणों में नीलामी की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
09 प्रकरणों में संपत्ति दूसरे जिलों में
09 प्रकरणों में संपत्ति दूसरे जिलों में होने के कारण संबंधित जिलों से पत्राचार किया जा रहा है। अन्य जिलों के 08 प्रकरणों में संपत्ति कुर्की की जा रही है। कंपनियों के संचालक गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। इसके अलावा कई कंपनियों की संपत्ति नीलामी के मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं, जबकि कुछ में तो स्टे भी लगाया गया है। ऐसे में इन कंपनियों से रिकवरी मिलने में समय लगने की संभावना जताई जा रही है।
फैक्ट फाइल
1 लाख 93 हजार से ज्यादा आवेदन
3 कंपनियों की संपत्तियां हुई नीलाम 5.53 करोड़ रुपए मिले
17 कंपनियों की संपत्ति नीलामी बाकी
25 करोड़ रुपए तक होगी आय
शासन के निर्देशानुसार धन वापसी के लिए चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई की जा रही है। बाकी की कंपनियों में जो राशि है उसकी वापस की प्रक्रिया कलेक्टर के निर्देशानुसार की जाएगी।
– विरेंद्र बहादुर पंचभाई, अपर कलेक्टर, रायपुर