संगीतकार भी अपने कंटेंट के हिसाब से आवाज चाहता है - हां ये सही है कि डबिंग के बाद यह तय नहीं रहता कि जब गाना आएगा तो उसमें आवाज किसकी होगी। आजकल संगीतकार और मेकर्स एक से अधिक गायकों से डबिंग कराते हैं लेकिन फाइनली डिसाइड वहीं होगा जिनकी आवाज सबसे अच्छी हो या संगीतकार को अपने कंटेंट के मुताबिक लगे। यह कहा इंडियन आइडल 12 के विनर पवनदीप ने। उन्होंने राज्योत्सव में प्रस्तुति से पहले बातचीत में खुद से जुड़ी बातें शेयर की।
तो राहें हो जाती हैं आसान जब मैं क्लास फोर्थ में था तभी डिसाइड कर लिया था कि संगीत की दुनिया में आगे बढ़ना है। यदि हम दिल से सोचें और मेहनत को मजे की तरह लें तो राहें आसान होने लगती हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि हम अपने काम के प्रति थोड़े इरिटेट हो जाते हैं, जबकि होना तो यह चाहिए कि जो काम कर रहे हैं उसमें खुशी तलाशें। ये हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। दूसरी बात यह कि बड़ा सपना देखेें। इससे भी हम अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं।
अभ्यास का कोई तोड़ नहीं -एक सवाल पर पवनदीप ने कहा, बेहतर प्रस्तुति के लिए प्रैक्टिस का कोई तोड़ नहीं है। साथ ही संगीत के प्रति आपका समर्पण और समझ जरूरी है। तभी आप एक अच्छा संगीत बना पाएंगे। यही वजह है कि मेरे हाथ में आप गिटार हमेशा पाएंगे। मुझे लगता है सफलता के लिए प्रैक्टिस बहुत मायने रखती है।
ढाई की उम्र में पहली बार बजाया था तबला - बचपन के सवाल पर कहा, मेरा बचपन बड़ा इंट्रेस्टिंग था। यह दूसरों बच्चों से बिल्कुल अलग था। हमउम्र तो मेरे दोस्त थे ही, मुझसे तिगुनी उम्र के लोगों से भी मेरी दोस्ती रही। मैंने ढाई साल की उम्र में पहली बार तबला बजाया था। दिनचर्या के सवाल पर बोले- दिन की शुरुआत गाने से ही होती है। इसके बाद पियानो के साथ गायकी चलती रहती है।