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राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने शुक्रवार को राज्यसभा में संशोधन विधेयक को पुर:स्थापित किया। सरोज पांडेय के विधेयक में यह प्रस्ताव है कि 15 से 18 वर्ष के बीच की आयु के बाल अपराधियों को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 के दायरे में लाया जाए। साथ ही उन्हें वही दंड दिया जाए जो इस अधिनियम के अधीन वयस्क अपराधियों को दिया जाता है।
राज्यसभा में संशोधन विधेयक पेश करतीं सरोज पांडेय
वहीं, कांग्रेस के हुसैन दलवई ने शरणार्थियों के संरक्षण के संबंध में ‘शरणार्थी और शरण स्थल विधेयकÓ पेश किया। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि एक उपयुक्त कानूनी ढांचा बना कर शरणार्थियों और शरण चाहने वाले लोगों के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया जा सके। यह कानूनी ढांचा शरण मांगने वालों के दावों का निर्धारण करेगा। इनके अलावा आरएसएस के समर्थक व राज्यसभा में मनोनीत सदस्य राकेश सिन्हा ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारी (कल्याण) विधेयक पेश किया।
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