Raipur Smart City: स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों का हो रहा नुक्सान, कारों की पार्किंग बन गया स्मार्ट रोड, लाइटें भी गोल
Raipur Smart City: रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए फूंकने के बाद जैसी दुर्गति ऐतिहासिक बूढ़ातालाब की हुई है। निगम मुयालय के करीब 2 करोड़ में जिस सड़क को स्मार्ट बनाया, वह कारों की पार्किंग बन चुकी है।
Raipur Smart City: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए फूंकने के बाद जैसी दुर्गति ऐतिहासिक बूढ़ातालाब की हुई है। वैसे ही हर काम की परत-दर-परत बदहाली सामने आ रही है। निगम मुयालय के करीब 2 करोड़ में जिस सड़क को स्मार्ट बनाया, वह कारों की पार्किंग बन चुकी है। वहीं, चंद कदम दूरी पर ओसीएम चौक की स्मार्ट लाइटें भी अंतिम सांसें गिन रही हैं। नलों में 24 घंटे पानी देने की समीक्षा निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा हर महीने कर रहे हैं।
Raipur Smart City: रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 740 करोड़ मिला, परंतु निर्माण कार्यों की ऐसी बदहाली कि शहर के लोगों को वैसी सुविधाएं मिली नहीं। इसके बावजूद जिमेदार बेफिक्री में हैं। बूढ़ातालाब में तो सबसे अधिक 32 करोड़ खर्च करने की फाइलें मोटी हुई हैं। फिर भी न तो नाले की गंदगी डायवर्ट हुआ और न ही महाराजबंद, खोखो तालाब और नरैया तालाब को गंदगी से बचाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान का काम पूरा हुआ। बूढ़ातालाब को हैंडओवर लेने के बाद भी पर्यटन मंडल के जिमेदारों की नींद नहीं टूटी।
Raipur Smart City: ऐसे कामों का फायदा शहर को नहीं मिल
इंफ्रास्ट्रक्चर वाले बड़े कामों को छोड़कर स्मार्ट सिटी के ज्यादातर छोटे-छोटे सभी कामों का फायदा शहर के आम लोगों को मिल ही नहीं पाया। क्योंकि, संचालन की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण खस्ताहाल हो गए।
1.42 करोड़ हेल्दी हार्ट ट्रैक ढूंढते रह जाओगे
बूढ़ातालाब से लगे हुए सप्रे शाला मैदान में 500 मीटर लंबा हेल्दी हार्ट ट्रैक बनाया गया। इस पर करीब 1.42 करोड़ खर्च किए। दावा था कि ऐसा ट्रैक बुजुर्गों के लिए एक्सरसाइज करने, वॉकिंग व रनिंग करने में अच्छा रहेगा। घुटनों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा। इसके लिए रबर वाले ट्रैक बनाने थे। 1.42 करोड़ खर्च करने के बाद पेवर ब्लॉक निकालने का खेल फिर दोबारा सौंदर्यीकरण पर 2.50 करोड़ का हिसाब हुआ।
40 लाख में नेकी की दीवार…?
स्मार्ट सिटी कंपनी के फंड से कई जगहों पर नेकी की दीवार बनाई। खर्च ऐसा कि सुनकर कोई भी चौक जाए। अनुपम गार्डन में ही करीब 40 लाख रुपए खर्च फाइबर की दीवार बनाने पर किया, जो जलकर नष्ट हो गई। ऐसा ही हाल सीएम हाउस के करीब भी ऐसी दीवार बनाई गई थी।
स्मार्ट टायलेट बंद, एसी बस स्टाप कबाड
आधा दर्जन एसी बस स्टाप कबाड़ हो गए और स्मार्ट टायलेट बंद पड़े हैं। दरवाजे टूट रहे हैं। क्योंकि, बनाने के बाद संचालन की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं। शहीद स्मारक की करीब 50 हजार वर्गफीट छत पर चौपाटी करीब 3 करोड़ रुपए में बनाई गई। 2018 में पूरी छत पर टाइल्स लगाई गई। ग्रीन कारपेट बिछाया। परंतु आज तक शुरू नहीं हो पाया।
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