scriptअक्षय तृतीया में गुड्डा-गुडि़यों की शादी के लिए सजा बाजार | Raipur: Groom and Bride Toys in Market for Akshaya tritiya Festival | Patrika News
रायपुर

अक्षय तृतीया में गुड्डा-गुडि़यों की शादी के लिए सजा बाजार

अक्षय तृतीया दिन गुड्डे-गुड़ियों की शादी करने की परंपरा है। राजधानी में इसका खासा उत्साह देखने को मिल रहा है और बाजार प्यारे गुड्डे-गुडियों से भर गया है।

रायपुरMay 06, 2016 / 05:00 pm

अभिषेक जैन

groom and bride toy

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रायपुर. अक्षय तृतीया के दिन भले ही शादियों का मुहर्त न हो पर इस शुभ मुहूर्त पर बड़ी संख्या में शादियां रचाई जाएगी। इस दिन गुड्डे-गुड़ियों की शादी करने की परंपरा है जिसे ग्रामीण अंचलों के साथ साथ शहर में भी बडे़ ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इस परंपरा को निभाने वालों की संख्या कम जरूर हुई है लेकिन, क्रेज अभी भी बरकरार है। राजधानी में इसका खासा उत्साह देखने को मिल रहा है और बाजार प्यारे गुड्डे-गुडियों से भर गया है। बच्चों के साथ साथ महिलाएं भी इसकी खरीददारी करती नजर आ रही हैं।

नन्हे बच्चे जुटे शादी की तैयारी में

छत्तीसगढ़ की परम्परा के अनुरूप नन्हे बच्चे भी एक दिन पहले से ही गुड्डे-गुडिय़ों की शादी की तैयारी में लग गये हैं। मंडप सजाकर तेल, हल्दी, चढ़ाया जा रहा है। शादी में होने वाले रस्मों को पूरा कर दूसरे दिन गुड्डे-गुडिय़ों को सजाकर सेहरा बांध टीकावन में बिठाया गया। लोग टीकावन कर इसके एवज में रुपए-पैसे देकर परंपरा का निर्वहन भी कर रहे।

गुड्डा-गुडियों से भरा बाजार

अक्षय तृतीया के पहले राजधानी का पूरा बाजार गुड्डा गुडि़यों के पुतलों से पट गया है। पुतले इतने आकर्षण बिक रहे है कि मानो रामकृष्ण जोड़ी लग रही है। यह पुतले पुरानीबस्ती, लाखे नगर गोल बाजार सहित शहर के मुख्य बाजारों में सडके के किनारे सजे लगे है।

किसानों ने शुरू की धान बोआई

किसान अक्षय तृतीया के दिन से खेतों में धान की बोआई शुभ मुहूर्त में शुरू करेंगे। सुबह दोने में किसान धान लेकर गांव के ठाकुर देव को अर्पित करते है। गांव के बैगा द्वारा देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद ठाकुर देव के पास ही बोआई की औपचारिकता पूरी करेंगे। इसके बाद किसान अपने-अपने दोने को घर लाकर खेतों में ले गए और पूजा कर उसकी बोआई करते है।

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