प्रवीण का सिलतरा में सारडा एनर्जी के पास एक ऑफिस है। इसमें कोयल का ब्रिक्स और लोहे के स्क्रेप खरीदने का कारोबार करता था। करीब दो साल पहले सिमगा में उसने पीग ऑयरन बनाने की फैक्ट्री डाली है। इसमें कोई एक और पार्टनर है।
घटना 8 जनवरी की शाम का बताया गया है। उद्योगपति प्रवीण को किडनैपरों ने कहां पर रोका और उनका किस तरह अपहरण किया गया है। इस संबंध में पुलिस को कुछ खास जानकारी नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि घटना स्थल सिलतरा से धरसींवा के बीच बताया जा रहा है, जबकि उद्योगपति की कार विधानसभा इलाके के रामकुटीर कॉलोनी के बाहर बार पार्र्किंग में मिली है, जहां उनका ऑफिस है। आरोपियों का कार को करीब 12 किमी दूर उनके ऑफिस तक लाना और फिर छोड़कर जाने को लेकर भी पुलिस उलझन में है।
आमतौर पर प्रोफेशनल गिडनैपरों का गिरोह वारदात करने के बाद पुलिस को उलझाने के लिए इस तरह की साजिश रचते हैं। अपराध करने के बाद कार या अन्य सामान को किसी दूसरे स्थान पर छोड़ देते हैं, ताकि पुलिस का पूरा ध्यान उसमें रहे।
प्रवीण की कार के आसपास मंडराने वाले संदिग्ध कारों का नंबर पुलिस को मिल गया है। अब उन नंबरों की जांच की जा रही है, जिसके नाम से रजिस्ट्रेशन नंबर अलाट हुए हैं। बिलासपुर रोड में एक पेट्रोल पंप के पास संदिग्ध सफेद कार की नंबर प्लेट मिली है।
पुलिस को तीन दिन की जांच में संदिग्ध मोबाइल नंबर के साथ ही कार के नेम प्लेट की भी जांच की गई है। इसमें कुछ संदिग्धों का पता चला है। इस आधार पर पुलिस ने उनकी तलाश के लिए अलग-अलग टीमें भेजी गई है।
Click & Read More Chhattisgarh News .