महिला ने डॉक्टर के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत
एम्स प्रशासन से की थी। इसके बाद इंटरनल कमेटी मामले की जांच कर रही है। महिला ने शिकायत में कहा है कि वे आर्थराइटिस से पीड़ित हैं। इसके लिए वे तीन साल पहले से एम्स के पीएमआर विभाग में इलाज कराने आ रही हैं। वहां उनका इलाज एक एसोसिएट प्रोफेसर ने किया। महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत तरीके से उनके सीने पर हाथ लगाया। उन्होंने इसका विरोध भी किया। इसके बाद वे डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाना बंद कर दिया है।
महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने निजी बात की और इस मामले में कमेंट भी करने लगे। मामले की शिकायत उन्होंने एम्स में दिसंबर में कर दी थी, लेकिन डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। महिला का कहना है कि एस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में एक डॉक्टर के ऐसे व्यवहार से एम्स की छवि खराब हो रही है। प्रबंधन को ऐसे डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
डॉक्टर ने कहा- महिला के आरोप झूठे
पत्रिका ने जब डॉक्टर से बातचीत की और उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने महिला के आरोप को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। इस केस के बारे में एस के पीआरओ ही बात कर सकते हैं। वे इसके लिए अधिकृत भी नहीं है।
पुलिस थाने में नहीं पहुंची शिकायत
इस मामले में आमानाका थाना प्रभारी सुनील दास का कहना है कि, फिलहाल थाने में ऐसी कोई भी शिकायत नहीं पहुंची है। पुलिस के संज्ञान में कोई ऐसा कोई मामला आता है, तो उसमें तत्काल जांच कर एक्शन लिया जाएगा। पीएमआर विभाग के एक डॉक्टर के खिलाफ महिला मरीज की शिकायत के बाद कमेटी बनाई गई है। कमेटी मामले की जांच कर रही है। जांच अभी पूरी नहीं हुई है। – डॉ. मृत्युंजय राठौर,