सेव की खेती प्रायरू ठंडे इलाकों में होती है पर ग्राम बिर्रा के हीरालाल कश्यप ने अपने फ ार्महाउस में सेब की खेती की है। उन्होंने 300 पौधे लगाए थे जिसमें अब फल भी निकल रहे हैं। उन्होंने हरिमन.191, अन्ना गोल्डन जैसे 5 वैरायटी के सेब लगाए हैं जो 45.46 डिग्री तापमान तक झेल सकते हैं। 2020 में शुरुआत की थी। शुरू में कुछ पौधे जरूर नष्ट हुए। फि र पौधे लाकर लगाए। आज 300 पौधे पेड़ बन चुके हैं और पेड़ों में फ ल भी आ रहे हैं।
बाउन मक्का के बाद अब ड्रेगन फ्रूट भूरे रंग का भुट्टा, रंगीन फू लगोभी, पीला तरबूज की खेती करने वाले बम्हनीडीह ब्लॉक के ग्राम गोविंदा के किसान गोविंद जायसवाल ड्रेगन फ्रूट की खेती करके देखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने ट्रायल में ग्राफ्टिंग कर करीब दर्जनभर पौधे लगाए हैं। अगर अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा तो ड्रेगन फ्रूट की खेती में जिले में हो सकती है।
उप संचालक उद्यानिकी रंजना माखीजा ने बताया कि उद्यानिकी में कई ऐसी वैरायटी हैं जो उच्च तापमान में कारगर हैं। किसान धान की परपंरागत खेती से अब आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में कई किसान ऐसी फसलें लेने लगे हैं जिनकी खेती अब तक जिले में संभव नहीं मानी जाती थी। रुझान बढऩे के पीछे वजह नकदी फसल होना और धान की तुलना में मुनाफा कई गुना अधिक रहता है। पॉली हाउस और नेटशेड खेती भी बढिय़ा विकल्प है। इसमें किसान टेम्प्रेचर मेंटेंन कर खेती कर रहे हैं।