पहले यह जानना जरुरी है…
सेक्सटॉर्शन और हनी ट्रैप एक ऐसा अपराध है, जिसमें अपराधी फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। झूठे भावनात्मक संबंध स्थापित कर लोगों की निजी तस्वीरें, वीडियो अन्य गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग करते हैं। सार्वजनिक करने की धमकी देकर पैसे या अन्य चीजों की मांग करते हैं।ठगी का नायाब तरीका
अपराधी खुद को कूरियर सेवा जैसे फिडेक्स, ब्लूडॉर्क, एक्सप्रेस, डीटीडीसी का कर्मचारी बताकर दावा करते हैं कि आपके नाम पर एक अवैध सामग्री वाला पैकेज एयरपोर्ट पर फंसा हुआ है। वे खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी या पुलिस के साइबर सेल का बड़ा अधिकारी बताकर पीड़ित से संपर्क करते हैं। फ्रॉड करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्देशित एक फर्जी सर्विलांस बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। सत्यापन के बाद वापस करने का भरोसा दिलाते हैं।गोल्डन ऑवर में करें शिकायत
ठगी होने पर साइबर पोर्टल का उपयोग करें। राष्ट्रीय साइबर पोर्टल, साइबर हेल्पलाइन-1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज करें। सभी साक्ष्य जैसे मोबाइल कालिंग डिटेल, लेन-देन की जानकारी और मैसेज सुरक्षित रखें। सरकारी एजेंसियां फोन या वीडियो कॉल पर संपर्क नहीं करतीं। जागरूकता ही इस स्कैम से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।कहां से ऑपरेट होता है यह स्कैम?
कई मामलों में यह पाया गया कि ये कॉल दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे कंबोडिया, लाओस और वियतनाम से आती हैं।कोविड महामारी के दौरान बंद हुए कैसीनो में “स्कैम कंपाउंड्स” बनाए गए, जहां फ्रॉड करने वाले इन ऑपरेशनों को अंजाम देते हैं।
इस स्कैम से कैसे बचें
कोई सरकारी एजेंसी फोन या वीडियो कॉल पर जानकारी नहीं मांगती। ठगों का मुख्य उद्देश्य आपको डराना है। विवेक से काम लें। फ्रॉड करने वाले तत्काल कार्रवाई का दबाव डालते हैं। ऐसी स्थिति में शांत रहें और घबराएं नहीं। किसी भी संदिग्ध प्रतीत होने वाले कॉल का सीधे संबंधित एजेंसी से संपर्क कर पुष्टि करें।अपराधी अक्सर सोशल मीडिया से भी जानकारी इकट्ठा करते हैं। फोन या वीडियो कॉल पर अज्ञात व्यक्तियों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।