इन मामलों के आरोपी गिरफ्तार
- – पीड़िता निकिता पवार से क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 21 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली गई। इसकी शिकायत पर रेंज साइबर थाने की टीम ने जांच शुरू की और महासमुंद व रायपुर से रविंदर सिंह चावला, दीपक टीलवानी और तरुण उर्फ रौनक नचरानी को गिरफ्तार किया है।
- – कारोबारी अभिषेक अग्रवाल से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 2.5 करोड़ की ऑनलाइन ठगी हो हो गई थी। इसकी शिकायत पर न्यू राजेंद्र नगर में एफआईआर दर्ज किया गया था। मामले की जांच रेंज साइबर थाना को सौंपी गई। इसके बाद टीम ने नासिक में छापा मारकर ठगी करने वाले मयूरेश राजेंद्र गांगुर्दे को गिरफ्तार किया।
- – निशांत जैन से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 29 लाख की ऑनलाइन ठगी हुई थी। तेलीबांधा में अपराध दर्ज होने के बाद साइबर रेंज की टीम ने नासिक में छापा मारकर आकाश विलास भालेराव को गिरफ्तार किया। आरोपी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई किया है। ऑनलाइन ठगी भी कर रहा था।
- – अनिमेष तिवारी से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा दिलाने के नाम पर 99 लाख की ऑनलाइन ठगी हुई थी। तेलीबांधा में एफआईआर के बाद मामले की जांच रेंज साइबर थाना ने शुरू की। ठगी करने वाले का लोकेशन पुणे में मिला। इसके बाद पुलिस की टीम ने चांदोली अंबेगांव से आरोपी समीर थोरात को गिरफ्तार किया। समीर लाइसेंस बनाने और आरटीओ का काम करता था। इसके अन्य साथी को दिल्ली से पकड़ा जा चुका है।
- – प्रार्थी चमन लाल साहू के बैंक अकाउंट से लिंक सिम को साइबर ठगों ने E- SIM में पोर्ट कर उनसे ऑनलाइन ठगी कर ली। इसकी शिकायत पर अपराध दर्ज कर पुलिस ने दुर्ग से आरोपी मेराज आलम और नौशाद अंसारी को गिरफ्तार किया।
- – नवीन कुमार से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1.39 करोड़ की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इसकी शिकायत पर रेंज साइबर थाना में अपराध दर्ज किया गया। टीम ने ठगी करने वाले अजय तिड़के को पुणे से गिरफ्तार किया।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: कहां-कहां छापा मारा
पुलिस की टीम ने
साइबर ठगी के आरोपियों को पकड़ने के लिए मुंबई, नासिक, दुर्ग, महासमुंद, बिलासपुर और रायपुर में छापा मारा। आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के खाते से 6 लाख रुपए पीड़ितों को वापस कराया गया। लेयर 1 बैंक अकाउंट में होल्ड 4.21 करोड़ पीड़ितों के खातों में जल्द वापस किया जाएगा। अब तक कुल 30 करोड़ रुपए होल्ड कराए जा चुके हैं।
साइबर ठगी से ऐसे बचें
- – अगर आपको इस बारे में कॉल किया जाता है कि TRAI आपका फ़ोन डिस्कनेक्ट करने जा रहा है, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है।
- – अगर FedEx, DHL, BlueDart आदि कोई कुरियर आपको किसी पैकेज के बारे में कॉल करता है और 1 या 9 या कुछ और नंबर दबाने के लिए कहता है, तो जवाब न दें। यह ठगने का एक तरीका है।
- – अगर कोई पुलिस अधिकारी आपको कॉल करता है और आपसे आधार के बारे में बात करता है, तो जवाब न दें। यह ठगने का तरीका है।
- – अगर वे आपको बताते हैं कि आप ’डिजिटल अरेस्ट’ हैं, तो जवाब न दें।
- – कोई कॉल करके बताए कि आपके द्वारा भेजे गए किसी पैकेज में ड्रग्स पाए गए हैं, तो जवाब न दें।
- – अगर वे कहते हैं कि आप किसी को नहीं बता सकते, तो उनकी बात न सुनें। आप तत्काल 1930 पर साइबर क्राइम पुलिस को सूचित करें।
- – अगर वे आपसे WhatsApp या SMS के जरिए संपर्क करते हैं, तो जवाब न दें।
- – अगर कोई आपको कॉल करके कहता है कि उसने गलती से आपके UPI आईडी पर पैसे भेज दिए हैं और वह सिर्फ अपना पैसा वापस चाहता है, तो भी रिप्लाई न करें। इससे भी लोगों को ठगते हैं।
- – अगर कोई कहता है कि वह आपकी सेकंडहैंड कार या आपकी वॉशिंग मशीन, आपका सोफा खरीदना चाहता है। खुद को सेना या CRPF का जवान बताता है, तो उनके झांसे में न आएं।
- – अगर कोई कहता है कि वह स्विगी या जोमैटो से कॉल कर रहा है और उसे 1 या कुछ और नंबर दबाकर अपने पते की पुष्टि करने की आवश्यकता है, तो जवाब न दें। यह ठगी करने का तरीका है।
- – अगर कोई आपसे ऑर्डर, राइड या जो भी रद्द करने के लिए ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं, तो जवाब न दें। किसी भी स्थिति में, अपना ओटीपी फोन पर किसी के साथ साझा न करें।
- – कभी भी वीडियो मोड पर किसी के कॉल का जवाब न दें, ऑफलाइन सत्यापित करें।
- – हमेशा जांच करें कि क्या आपके पास आए पत्र अधिकृत सरकारी पोर्टल से हैं।
- – डिजिटल सुरक्षा के मामले में अपना पता, स्थान, फ़ोन, आधार, पैन, जन्मतिथि, बैंक खाता नंबर या कोई भी व्यक्तिगत विवरण किसी के साथ फ़ोन या संदेशों पर साझा न करें।