फिलहाल प्रबंधन ने सेवा उपलब्ध कराने के लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं की है। डीकेएस में सोमवार से इमरजेंसी सुविधा शुरू होने वाली थी। लेकिन, रविवार की शाम अस्पताल प्रबंधन की बैठक में किन्हीं कारणों से टाल दिया गया। माना जा रहा है चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण प्रबंधन कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रहा है। लिहाजा इमरजेंसी सेवाओं को फिलहाल रोका गया है।
गौरतलब है कि डीकेएस के शुरू होने से अब मरीजों को नेफ्रोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, क्रिटिकल मेडिसिन, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी आदि के मरीजों को इलाज के लिए अब अम्बेडर अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को 400 बेड वाले दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल का शुभारंभ किया था। तीन दिनों में करीब 400 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।
अस्पताल में 10 विभाग
140 करोड़ की लागत में बने डीकेएस को काफी हाइटेक सिस्टम से बनाया गया है। अस्पताल में दस विभाग हैं, इनमें नेफ्रोलॉजी, यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी, टिकल केयर मेडिसिन, पैथालोजी, रेडियोलॉजी एवं एनेस्थेसिया विभाग है।
रजिस्ट्रेशन में नहीं होगी मशक्कत
डीकेएस पहुंचने वाले मरीजों के परिजनों को रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। अस्पताल में करीब 7-8 टैबलेट ब्वॉयज को तैनात किया गया है, जो मरीजों का रजिस्ट्रेशन और गाइड करने के लिए होंगे। बताया जाता है कि मरीज की पहुंचते ही टैबलेट ब्वॉयज सक्रिय हो जाएंगे।
वेटिंग हॉल में ही वह मरीज का नाम, पता और किस बीमारी का उपचार कराना है पूछकर रजिस्ट्रेशन फार्म भर देंगे। फॉर्म भरने के बाद वह मरीज को एक पर्ची देंगे, जिसे लेकर डॉक्टर के पहुंचना होगा। इस काम में सिर्फ 30 सेकंड लगेंगे। मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी।
अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित
13.8 एकड़ मेें फैले डीकेएस में 125 बिस्तरों की क्रिटिकल केयर यूनिट की स्थापना की गई है। अस्पताल में 80 डॉक्टर, 218 नर्सिंग स्टाफ, 210 पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ सहित आउटसोर्सिंग से 280 हाउस कीपिंग स्टाफ, 180 सुरक्षा स्टाफ और 105 मेडिकल रेकॉर्ड तथा रखरखाव के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
जनरल वार्ड आज से शुरू किया जा रहा है। इमरजेंसी समेत अन्य सभी सेवाएं जल्द शुरू की जाएंगी।
डॉ. पुनीत गुप्ता, अधीक्षक, डीकेएस सुपरस्पेशलिस्टी हॉस्पिटल, रायपुर