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CG Video: सीजीपीएससी घोटाले में तीन और गिरफ्तार, देखें वीडियो उपस्थिति दर्ज कराने वाले मिलरों से 2021 से 2024 तक कस्टम मिलिंग के एवज में मिलने वाली रकम, उसके भुगतान के एवज में दिए जाने वाले कमीशन और अवैध वसूली करने वाले सिंडीकेट के संबंध में पूछताछ की गई। बताया जाता है कि ईडी ने इस
घोटाले की जांच के दौरान मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर के बीच वॉट्सऐप चैटिंग को खंगाला। इसमें राइस मिलरों से कमीशन लेने और लेन-देन के इनपुट मिले हैं।
वसूली के रैकेट में शामिल सिंडीकेट द्वारा एमडी को मैसेज किया जाता था। उस आधार पर राइस मिलरों को भुगतान होता था। इसके आधार पर ईडी द्वारा पूछताछ करने पर बताया जाता है कि राइस मिलरों ने मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर की भूमिका का ब्यौरा दिया। बता दें कि कस्टम मिलिंग घोेटाले की ईडी की साथ ही ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है।
कस्टम मिलिंग घोेटाले में जिन राइस मिलरों के खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी में प्रकरण दर्ज हैं उनके लंबित प्रोत्साहन राशि जारी करने पर रोक लगाई है। उक्त राइस मिलरों के संबंध में मार्कफेड ने जांच एजेंसी से राइस मिलरों की जानकारी मांगी है। बताया जाता है कि सूची मिलने पर उक्त राइस मिलरों को चिन्हांकित करने के बाद मिलने वाले प्रोत्साहन को रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग ने लिखा पत्र: खाद्य विभाग ने सभी कलेक्टरों और मार्कफेड एमडी को पत्र लिखकर लंबित प्रोत्साहन राशि जारी करने पर रोक लगाई है। पत्र में कहा गया कि अरवा-उसना कस्टम मिलिंग पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मिलिंग दर की द्वितीय किस्त का भुगतान उन राइस मिलरों को न किया जाए, जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी में प्रकरण दर्ज हैं।