दरअसल, यह घटना सोमवार को राजधानी के जयस्तंभ चौक की है, जहां फुटपाथ पर चश्मा दुकान लगाने वाले आदतन अपराधियों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए और कुछ घंटों बाद बड़े ही नाटकीय ढंग से 2 आरोपियों ने खुद पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचकर सरेंडर कर दिया। घटना एएसपी कार्यालय से महज 10 कदम की दूरी पर हुई। चाकूबाजी की घटना में पुलिस दो आरोपियों द्वारा वारदात करने की बात कह रही है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो घटना में 4 लोग शामिल थे।
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सोमवार को कोंडागांव निवासी इरशाद अहमद अपने चार दोस्तों के साथ कार से इलेक्ट्रॉनिक के सामान की खरीददारी करने रायपुर आए थे। सोमवार की शाम चारों मालवीय रोड से गोलबाजार की तरफ से जयस्तंभ चौक जा रहे थे। चौक में सिग्नल बंद होने की वजह से पोस्ट ऑफिस कार्यालय के बाहर चश्मा दुकान लगाने वाले युवकों से चश्मे का दाम पूछा।
चश्मा दुकान में खड़े मोहसिन अली और शफीक अली ने चश्मे का रेट 700 रुपए बताया, तो इरशाद ने रोड छाप चश्मे का ज्यादा पैसा लगाने की बात कही और आगे बढ़ गया। इरशाद की इस बात से नाराज होकर मोहसिन और शफीक उसकी तरफ दौड़े और कार का कांच पीटने लगे। इरशाद बात करने के लिए नीचे उतरा, इस दौरान मोहसिन ने पास में रखा चाकू से उसके पेट में वार कर दिया। हमले पर इरशाद की अंतडिय़ां बाहर आ गई और आंबेडकर अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
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पुलिस अधिकारियों की मानें तो इरशाद पर हमला करने वाले आरोपी पूर्व में राजा तालाब इलाके में चाकूबाजी की घटना को अंजाम दे चुके हैं। सिविल लाइन पुलिस को आरोपियों के बारे में सूचना मिली थी। शहर की सड़कों पर कितने अपराधी प्रवृत्ति के लोग कारोबार करते हैं, इस बात की जानकारी घटना के बाद भी पुलिस ने नहीं जुटाई है। इस वजह से आरोपियों के अंदर से पुलिस का खौफ बिल्कुल खत्म हो गया है।
रायपुर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा, चाकूबाजी की वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों ने पुलिस की सख्ती के बाद सरेंडर किया है। आरोपियों की पहचान मजिस्ट्रेट के सामने कराई गई है। वारदात में दो ही आरोपी शामिल थे।