बता दें कि इससे पहले पांच एजेंसियों के टेंडर निरस्त किए जा चुके हैं। इसलिए पिछले पांच सालों के दौरान सरोना में कचरे का ढेर हटाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ। साल 2018 जून में एनजीटी की कड़ी फटकार के कारण सरोना में शहरभर का कचरा डंप (CG NEWS) कराने पर रोक लगा दी गई थी। तब से लाखों टन कचरा सरोना में सड़ रहा है। गंदगी हवा के झोंकों से आसपास के रहवासी क्षेत्रों तक पहुंची है और बरसात होने पर खारुन नदी का पानी दूषित होता है। अब जाकर सरोना में कचरे के ढेर का निष्पादन होने से समस्या का निराकरण होने की उम्मीद है। क्योंकि टेंडर फाइनल हो चुका है।
साइंटिफिक तरीके से लैंडफिल करना होगा निगम के अधिकारियों के अनुसार सरोना में कचरे के ढेर के कारण स्वच्छता रैङ्क्षकग में भी पलीता लग रहा था। ठेका कंपनी को साइंटिकफिक तरीके से कचरे का निष्पादन करना होगा। वह प्लांट लगाइएगी और जो कचरा खाद नहीं बन पाया है, उसे गड्ढे खोदकर उसमें साइंटिफिक लैंडफिल करेगी। कुल मिलाकर गंदा पानी रोकना है।
डेढ़ साल का समय तय शर्तों के अनुसार ठेका एजेंसी को सरोना ट्रेङ्क्षचग ग्राउंड में डंप 4.50 लाख टन कचरा है। जिसे डेढ़ साल में कंपनी को साफ करना है। इसी शर्त पर उसका टेंडर फाइनल हुआ है। उस कचरे के ढेर का अधिकांश हिस्सा जैविक खाद के रूप में तब्दील हो चुका है, जिसे (Raipur news) निकाल कर कंपनी अपने मन-मुताबिक कहीं भी बेचे, उसे छूट दी गई है। इससे निगम को कोई फायदा मिलने वाला है। बल्कि निगम कचरा हटवाने के लिए 12 करोड़ 64 लाख रुपए का भुगतान ठेका कंपनी को करेगा।
सरोना ट्रेङ्क्षचग ग्राउंड में डंप कचरे के ढेर का निष्पादन कराने के लिए टेंडर फाइनल हो गया है। हिल्बो इंटर प्राइजेज नामक कंपनी को 12 करोड़ 64 लाख में ठेका दिया जा रहा है। डेढ़ साल में काम पूरा करने का अनुबंध होगा।
– रघुमणि प्रधान, नोडल अधिकारी, अमृत मिशन योजना