नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार पूरा राजस्व वसूली होने पर करीब 400 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो सकता है, जिससे काफी हद तक निगम की तंगहाली भी दूर सकती है, परंतु इस मामले में लंबे समय से ढिलाई बरते जाने के कारण पिछले साल केवल 180 करोड़ के आसपास प्रॉपर्टी टैक्स जमा हो पाया। इस साल 200 करोड़ कराड़ का टारगेट रखा गया है, जिसे पूरा करने के लिए अब सख्ती बरतने के लिए निगम का राजस्व अमला मैदान में उतरा है। रविवार को अवकाश होने के बाद भी जोन 2, जोन 3, जोन 4 और जोन 7 का राजस्व अमला दुकानों में ताला बंदी और नोटिस लेकर पहुंचे तो बकायादारों ने धड़ाधड़ा प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान किया।
जोन-3 में भवन हॉस्टल में तालाबंदी
जोन 3 राजस्व विभाग द्वारा वार्ड 34 में हॉस्टल भवन में संचालित किया जा रहा है। परंतु दो वर्षों का प्रॉपर्टी टैक्स 5 लाख 3 हजार 555 रुपए बकाया है। राजस्व विभाग की टीम ने पंचनामा कर सीलबंद किया।जोन कमिश्नर विमल शर्मा ने बताया कि भवन स्वामी राजकुमार नाजियानी द्वारा वर्ष 2021-22 एवं 2023-24 का प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं किया जा रहा है।
मोतीबाग कॉम्प्लेक्स की तीन दुकानें सील
जोन 4 के अंतर्गत मोतीबाग कॉम्प्लेक्स के तीन बकायादारों की दुकानें सील करने की कार्रवाई की गई। जोन कमिश्नर राकेश शर्मा ने बताया कि मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड 46 में दुकान नंबर 1, 2 पर 30-30 हजार रुपए एवं दुकान नंबर 52 पर 50 हजार प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। तीनों दुकानें सीलबंद कर दी गई है।
जोन-7 में 2018 से टैक्स जमा नहीं हो रहा था
निगम जोन 7 राजस्व विभाग की टीम कमिश्नर जसदेव सिंह बाबरा के नेतृत्व एवं जोन सहायक राजस्व अधिकारी अमरनाथ साहू के साथ बड़े बकायादार कृष्णा देवी धनवंती देवी के व्यावसायिक परिसर में पहुंचे और ताला लगाने लगे। फिर इस व्यवसायी द्वारा विगत 5 वर्षों 2018-19 से लेकर वर्ष 2023-24 तक का 2 लाख 88 हजार 443 रुपए का चेक दिया। इसी तरह वार्ड 23 के दो बड़े बकायादारों आरोग्य अमृततुल्य चाय, खान इमादुद्दीन ने कुल 6 लाख 95 हजार 992 रुपए जमा करने के लिए सोमवार तक समय मांगा।
जोन-2 ने 10 लाख सेज्यादा वसूला
निगम जोन 2 के दो बकायादारों की दुकानें सीलबंद की और दो बकायादारों से 4 लाख 6:709 रुपए प्रापर्टी टैक्स वसूला। कुल 10 लाख 47 हजार 330 रुपए जमा हुआ। जोन कमिश्नर आरके डोंगरे ने बताया कि फाफाडीह चौक में गिरीश भाई जेठी दुकान नम्बरं 19 एवं रुक्मणि शुक्ला दुकान नम्बर 32 की दुकान सीलबंद कर दी गई। वहीं दुकान नम्बर 19 के बकायादार गिरीश भाई जेठी ने 2 लाख 48 हजार 173 रुपए भुगतान किया और दो बकायादारों से 4 लाख 61 हजार 709 रुपए राजस्व जमा हुआ।