रायपुर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के विभिन्न मानकों पर लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ का उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है। वर्ष 2020-21 के शुरुआती दो महीनों में ही प्रदेश ने सालभर के लक्ष्य का 37 फीसदी काम पूरा कर लिया है। इस वर्ष अप्रैल और मई माह के लिए निर्धारित लक्ष्य से 175 फीसदी काम हुआ है। इन दोनों मामलों में छत्तीसगढ़ देश में सर्वोच्च स्थान पर है। दो माह के भीतर सर्वाधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है। 1996 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया जा चुका है। मनरेगा में प्रदेश में प्रति परिवार औसत 23 दिनों का रोजगार प्रदान किया गया है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 16 दिन है। इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में शीर्ष पर है।
इस वर्ष अब तक 25 लाख 97 हजार ग्रामीण श्रमिकों को काम उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान 1114 करोड़ 27 लाख रुपए का मजदूरी भुगतान भी किया गया है। लॉकडाउन के बावजूद प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में मनरेगा के अंतर्गत व्यापक स्तर पर शुरू किए कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को रोजी-रोटी की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
अधिकारियों की मुख्यमंत्री ने की प्रशंसा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने लॉकडाउन के दौरान मनरेगा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और मैदानी अधिकारियों की पीठ थपथपाई है। उन्होंने प्रदेश भर में सक्रियता एवं तत्परता से किए गए कार्यों की सराहना करते हुए सरपंचों, मनरेगा की राज्य व जिला जिला और जनपद पंचायतों की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच यह बड़ी उपलब्धि है। उनकी कोशिशों से लाखों लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही बड़ी संख्या में आजीविकामूलक सामुदायिक व निजी परिसंपत्तियों का निर्माण हुआ है।
लक्ष्य से अधिक हासिल की उपलब्धि
देशभर के शीर्ष 10 राज्यों का प्रदर्शन
हरियाणा 13 फीसदी
उत्तराखंड 10
उत्तरप्रदेश 15
आंध्रप्रदेश 29
त्रिपुरा 09
ओडिशा 13
बिहार 13
चुडुचेरी 22
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