scriptबायो मेडिकल वेस्ट अस्पताल प्रशासन के लिए बना चुनौती, AIIMS में आयोजित हुई सीएमई | Management of bio medical waste becomes a challenge for AIIMS hospital | Patrika News
रायपुर

बायो मेडिकल वेस्ट अस्पताल प्रशासन के लिए बना चुनौती, AIIMS में आयोजित हुई सीएमई

आरटीआई, बायोमेडिकल वेस्ट, अग्निशमन सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा, पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने दी कई अहम जानकारियां, देशभर के प्रमुख अस्पतालों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ली जानकारी।

रायपुरFeb 08, 2020 / 06:17 pm

CG Desk

बायो मेडिकल वेस्ट अस्पताल प्रशासन के लिए बना चुनौती, AIIMS में आयोजित हुई सीएमई

बायो मेडिकल वेस्ट अस्पताल प्रशासन के लिए बना चुनौती, AIIMS में आयोजित हुई सीएमई

रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (AIIMS Raipur) में शनिवार को एक सीएमई आयोजित कर बायोमेडिकल वेस्ट के बेहतर प्रबंधन, आरटीआई अधिनियम, अग्निशमन उपायों को अपनाने और अस्पतालों के संदर्भ में बने नियमों की जानकारी चिकित्सकों और कर्मचारियों को प्रदान की गई। इस अवसर पर सभी अस्पतालों के प्रशासन का आह्वान किया गया कि वे बायोमेडिकल वेस्ट के बेहतर प्रबंधन पर ध्यान देकर अस्पताल और आसपास के वातावरण को सुरक्षित बनाने में अहम योगदान दें।
इश्यूज, चैलेंजेज एंड पॉसीबल साल्यूशन्स इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन विषयक सीएमई का उद्घाटन करते हुए पं. दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हैल्थ साइंसेज और आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. चंद्राकर ने कहा कि अस्पताल के बेहतर प्रबंधन की वजह से एम्स मध्य भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शामिल हो गया है। उन्होंने बायोमेडिकल वेस्ट को एक चुनौती बताते हुए कहा कि इसके प्रबंधन को लेकर सभी को जागरूक करने की आवश्यकता है।
एम्स रायपुर के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने आरटीआई, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन, अस्पताल में कानूनी बिंदुओं और अग्निशमन जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि ये विषय प्रतिदिन चिकित्सकों और अधिकारियों के समक्ष आते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों की मदद से इन मुद्दों का तार्किक हल ढूंढने में मदद मिलेगी। उप-निदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा ने अन्य विशेषज्ञों के अनुभव से सीखकर अस्पताल प्रबंधन को और अधिक बेहतर बनाने का आह्वान किया।
सीएमई में पीजीआई के डॉ. रंजीत पाल सिंह भोगल ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट को एकत्रित करना, इसका वर्गीकरण, स्टोर, स्थानांतरण और निस्तारण सहित सभी पक्ष काफी चुनौतीपूर्ण हैं। अब चिकित्सा कैंप भी इन नियमों के अधीन आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट को 48 घंटों के अंदर निस्तारित कर देना चाहिए। सभी अस्पतालों में अलग-अलग प्रकार के डिब्बों में बायोमेडिकल वेस्ट को रखना अनिवार्य है।
डॉ. रमन शर्मा ने अग्निशमन संबंधी बिंदुओं की जानकारी देते हुए कहा कि सभी अस्पतालों में नेशनल बिल्डिंग कोड को अपनाना, अग्निशमन उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था करना और नियमित रूप से रिहर्सल करना अनिवार्य है। डॉ. महेश देवनानी ने आरटीआई एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीएमई में इनसे जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. करन पीपरे, डीन प्रो. एस.पी. धनेरिया, डॉ. नितिन कुमार बोरकर, डॉ. त्रिदीप दत्त बरूआ, डॉ. रमेश चंद्राकर और अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी वी. सीतारामू भी शामिल रहे।
Click & Read More Chhattisgarh News.

Hindi News / Raipur / बायो मेडिकल वेस्ट अस्पताल प्रशासन के लिए बना चुनौती, AIIMS में आयोजित हुई सीएमई

ट्रेंडिंग वीडियो