रायपुर

अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र में 10 वर्ष पुराना सायलो कन्वेयर बेल्ट ढहा, रखरखाव को लेकर संयंत्र प्रबंधन पर उठ रही उंगली

क्षेत्र में वर्षों से स्थापित सीमेंट संयंत्रों में बीते तीन महीनों से एक के बाद एक हो रहे हादसे आशंका प्रकट करते हैं कि इन संयंत्रों में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रत्येक दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन तथा संबंधित सीमेंट संयंत्र प्रबंधन द्वारा सेफ्टी फस्र्ट के बढ़-चढक़र कर दावे जरूर किए जाते हैं, परंतु ये दावे कुछ ही दिनों के भीतर केवल औपचारिकता भर होकर रह जाते हैं।

रायपुरSep 14, 2023 / 03:31 pm

Gulal Verma

अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र में 10 वर्ष पुराना सायलो कन्वेयर बेल्ट ढहा, रखरखाव को लेकर संयंत्र प्रबंधन पर उठ रही उंगली

बलौदाबाजार। क्षेत्र में वर्षों से स्थापित सीमेंट संयंत्रों में बीते तीन महीनों से एक के बाद एक हो रहे हादसे आशंका प्रकट करते हैं कि इन संयंत्रों में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रत्येक दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन तथा संबंधित सीमेंट संयंत्र प्रबंधन द्वारा सेफ्टी फस्र्ट के बढ़-चढक़र कर दावे जरूर किए जाते हैं, परंतु ये दावे कुछ ही दिनों के भीतर केवल औपचारिकता भर होकर रह जाते हैं। जिला मुख्यालय से महज पांच किमी ग्राम रवान में स्थित अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र में बुधवार को फिर से एक बड़ा हादसा हुआ है। जहां सायलो क्लिंकर कन्वेयर बेल्ट टूटकर गिर गया है। हादसे में फिलहाल कितने मजदूर हताहत हुए हैं, इसकी जानकारी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आई है। समाचार लिखे जाने तक संयंत्र प्रबंधन के भी किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इस मामले में जानकारी प्रदान नहीं की है। घटना के समय मजदूर लंच में गए हुए थे। इसलिए कन्वेयर बेल्ट के पास सामान्य समय में काम करने वाले मजदूर बाल-बाल बचे हैं तथा संयंत्र का एक बड़ा हादसा टला गया है। वहीं, दुर्घटना के बाद से मजदूर बेहद घबराए हुए हैं।
जानकारी के अनुसार बलौदा बाजार से 5 किमी दूर ग्राम रवान स्थित अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र में दोपहर लगभग 1 बजे लगभग 10 वर्ष पुराना सायलो कन्वेयर बेल्ट भरभराकर तेज आवाज के साथ गिरकर ढह गया। प्रतिदिन इसी कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से क्लिंकर का लाना ले जाना होता था। प्रबंधन द्वारा समय-समय पर इसके रखरखाव तथा मेंटनेंस कराए जाने के दावे जरूर किए जाते हैं, परंतु इसके बाद भी यह कैसे टूटकर ढह गया इसके बारे में प्रबंधन भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पा रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लाइन टू के जिस स्थान पर हादसा हुआ है, उससे बमुश्किल 100 मीटर दूर पर पैकिंग प्लांट हैं। जहां 50 से अधिक श्रमिक काम करते हैं। वहीं, जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है, वहां पर भी सामान्य दिनों में 50 से अधिक मजदूर काम करते हैं। कार्यरत मजदूरों तथा संयंत्र का सौभाग्य है कि दुर्घटना लंच टाइम के आसपास हुई थी जिसकी वजह से अधिकांश मजदूर लंच अवकाश पर गए थे। यदि दुर्घटना आधा घंटा पहले या एक घंटे बाद होती तो दुर्घटना की भयावहता का अंदाजा लगाना मुश्किल होता।
बुधवार को हुई दुर्घटना के समय लंच का टाइम हो गया था तथा अधिकांश श्रमिक लंच की छुट्टी पर चले गए थे। बावजूद इसके दुर्घटना के बाद से श्रमिक घबराए हुए हैं। बुधवार हुई दुर्घटना के बाद घटना कही ना कहीं सीमेंट संयंत्र के रखरखाव पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। टैक्निकल जानकारों के अनुसार जिस तरह घटना हुई है यह तत्काल की नहीं है वरन कन्वेयर काफी पुराना था जिसके मेंटनेंस पर संयंत्र प्रबंधन द्वारा आज तक ध्यान नहीं दिया गया है जिसकी वजह से हादसा हो गया।
सीमेंट संयंत्रों में लगातार हो रहे हैं हादसे
गौरतलब हो कि 30 जून को ग्राम रवान में स्थित इसी अडानी अंबुजा सीमेंट संयंत्र के कन्वेयर बेल्ट में फंसने से एक मवेशी की दर्दनाक मौत हो गई थी। वहीं, इसी माह की 7 जुलाई को जिला मुख्यालय बलौदा बाजार से 12-14 किमी दूर ग्राम कुकुरदी क्षेत्र में निर्माणाधीन अल्ट्राटेक सीमेंट में श्रमिक श्रीकांत सिंह पिता रामनगीना सिंह (42) की करंट की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई थी। इसी प्रकार 18 जुलाई को ग्राम हिरमी में स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र में ऑक्सीजन सिलेण्डर ब्लास्ट होने से तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी। वहीं दुर्घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अगस्त माह शांतिपूर्वक बीतने के बाद सितंबर माह में फिर से हुई दुर्घटना ने क्षेत्रवासियों तथा सीमेंट संयंत्र में कार्यरत मजदूरों को चिंतित कर दिया है।

Hindi News / Raipur / अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र में 10 वर्ष पुराना सायलो कन्वेयर बेल्ट ढहा, रखरखाव को लेकर संयंत्र प्रबंधन पर उठ रही उंगली

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.