मुताबिक एनीकट में डूबने से 4 साल में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले जून में शराब के नशे में युवक एनीकट में कूद गया था। इससे पहले मार्च 2016 में एक इंजीनियरिंग छात्र व जुलाई 2015 में एक माह के भीतर 3 लोगों की मौत हो गई थी। जान गंवाने वाले में अधिकतर युवा थे।
कलक्टर ने जिले में पदभार लेने के बाद जून में अफसरों के साथ एनीकट का निरीक्षण किया। गंगा की तर्ज पर नहाने से लिए जालीदार रेलिंग और जंजीर लगाने कहा था। जाली लगाने का काम तो हो गया। नहाने वालों के लिए जंजीर लगाने का काम बाकी है।
रेलिंग पर जालियां तो लगा दी गई है, लेकिन इन्हें चोरों से बचाना भी प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती होगी। रात के समय एनीकट पर सन्नाटा रहता है। इसका फायदा उठाकर चोर सक्रिय हो जाते हैं। इसके पहले चोरों ने रेलिंग की चोरी कर ली थी। हालांकि जालियां आसानी से निकाली नहीं जा सके इसके लिए पतले लोहे की छड़ भी वेल्डिंग किया गया है।
1. खतरे वाली सभी जगहों पर दूर से नजर आने वाले साइन बोर्ड लगाना।
2. रपटा के उपर वाहनों की गति व अनावश्यक तफरीह करने वालों पर रोक।
3. नहाने के लिए केवल घाट का उपयोग।
4. ज्यादा पानी की स्थिति में सुरक्षा जवान व रक्षक दल की तैनाती।