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EVM Controversy: ईवीएम पर सियासत, कवासी लखमा बोले- कांग्रेस नहीं लड़ेगी चुनाव… शराब घोटाले में जेल भेजे गए अरविंद सिंह ने अपने बयान में लखमा को प्रतिमाह 50 लाख और ए.पी. त्रिपाठी ने 1.50 करोड़ प्रतिमाह देना बताया। इस राशि का उपयोग सुकमा में कांग्रेस भवन के निर्माण और हरीश द्वारा भवन निर्माण में खर्च करने की जानकारी मिली है। यह राशि हर महीने कवासी को घर तक पहुंचाई जाती थी। इस सिंडीकेट में शामिल चार अन्य लोगों के नाम सामने आए है। हर महीने मिलने वाले 2 करोड़ रुपए के संबंध में मिले सबूत के संबंध में विस्तृत पूछताछ करने की जरूरत है। इसके लिए रिमांड पर देने का अनुरोध किया।
वहीं बचाव पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कवासी हर बार समंस भेजे जाने पर पूछताछ के लिए उपस्थित हुए है। तीसरी बार बिना समंस दिए मौखिक बुलवाया गया था। बिना किसी पुख्ता साक्ष्य के चुने हुए जनप्रतिनिधि को
गिरफ्तार किया गया है। जबकि वह जांच में सहयोग कर रहे है। इसे देखते हुए रिमांड आवेदन का विरोध किया। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 7 दिन के रिमांड को मंजूरी दी।
ईडी ने कहा- गोलमोल दे रहे थे जवाब
ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि पूछताछ के दौरान हर बार सवाल का गोल-मोल जवाब दे रहे थे। जबकि जांच के दौरान हर महीने मिलने वाली रकम का हिसाब जांच के दौरान मिला है। इस घोटाले में जेल भेजे गए अरविंद सिंह और एपी त्रिपाठी ने हर महीने 2 करोड़ रुपए पहुंचाना बताया है। यह राशि जयंत देवांगन, कन्हैय्या लाल कुर्रे और जगन्नाथ साहू के चैनल से मिलती थी। इसे एक्साइज का कर्मचारी इकबाल खान रकम छोड़ने के लिए जाता था। अब तक की जांच में 72 करोड़ रुपए के घोटाले के इनपुट मिले है। यह खेल 6 महीनों तक चला है। इसके संबंध में पूछताछ करने पर खुलासा होगा। साथ ही संदेह के दायरे में आने वाले अन्य लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है। हालांकि इन सभी को कवासी लखमा गुमराह करने के साथ ही निवास में मिले साक्ष्य को नकारने की कोशिश कर रहे थे। बता दें कि ईडी के अफसरों ने बुधवार को कवासी लखमा से उनके परिजनों की संपत्ति की जानकारी मांगी। इस पर कवासी लखमा ने ईडी से पुन: समय देने की मांग की। इस वजह से ईडी ने कवासी लखमा से पूछताछ करने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।