शहर के सरकारी अस्पतालों में आए दिन ऐसे मरीज आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार कोरोना की वजह से लोगों के कई ऑर्गन्स पर गलत इफैक्ट पड़ा है। इसका बहुत (cg health care) बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल और लोगों की लापरवाही भी है। इन बीमारियों को कोरोना के साइड इफैक्ट या पोस्ट कोविड इफैक्ट के रूप में देखा जा रहा है। आप भी जानिए किस तरह की समस्याएं सामने आ रहीं…
ये हो रही दिक्कतें मेंटल हैल्थ : कोरोना ने जिन्हें अपना शिकार बनाया, उनमें डिप्रेशन, एंग्जायटी, याददाश्त कमजोर होने की समस्याएं देखने को मिल रहीं हैं। कोविड की वजह से काफी दिनों तक आइसोलेट रहने और आर्थिक रूप से कमजोर होने का असर पड़ा है। इससे मेंटल हैल्थ की समस्या बढ़ी है।
सांस की समस्या : ऐसे लोग जिन्हें कोरोना हो चुका है, उनमें से ज्यादातर में कफ की शिकायत है। लंबे समय तक कफ, सांस लेने में परेशानी और सीने में जकड़न की समस्या हो रही है। जिन्हें पहले से ही सांस की समस्याएं हैं, वे ज्यादा परेशान हो रहे हैं।
हाइपरटेंशन : कोरोना के दौरान तनाव के चलते हाइपरटेंशन की बात भी सामने आ रही है। वहीं इससे बीपी मरीज भी बढ़े हैं। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि खान-पान सही रखेे। दिल की बीमारियां : कोरोनाकाल के बाद लोगों में दिल की बीमारियां भी देखने को मिल रहीं हैं। हालांकि, ऐसे मामले बहुत कम हैं। डॉक्टरों की मानें तो कोविड की चपेट में आ चुके लोगों की दिल की धड़कन अचानक से असामान्य हो रही है।
कैंसर : कोरोना ने सबसे बुरा असर लोगों की इम्युनिटी पर डाला है। वायरस ने शरीर को हैल्दी रखने वाले कई प्रोटीन को नुकसान पहुंचाया है। इससे कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है।
टॉपिक एक्सपर्ट ये नहीं कहा जा सकता कि कोरोना का सीधे दिल पर असर पड़ा है। ये जरूर कह सकते हैं कि कोरोना में लोगों की लाइफ स्टाइल जिस तरह से बदली, उससे दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ा है। लोेग अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें।
-डॉ. स्मित श्रीवास्तव, एचओडी, एसीआई कोरोना का सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ा है। वे ज्यादा मोबाइल चलाने के आदी हो गए हैं। स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर बुरा असर पड़ा है। ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से कान में समस्या भी आ रही है।
– डॉ. आरएल खरे, मेडिसिन विशेषज्ञ कोरोनाकाल ने लोगों को सेहत के प्रति अधिक सजग कर दिया है। इस वजह से योग करने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी बढ़ी है। पोस्ट कोविड इफेक्ट से उबरने का ये सबसे सही तरीका है। दिन के 23 घंटे बेहतर बनाने लोगों को 1 घंटे योग करना ही चाहिए।
– भानुजा नायक, योगा इंस्ट्रक्टर