पहली बार सुपरकंप्यूटर का हुआ इस्तेमाल
यह पहली बार है जब किसी सुपरकंप्यूटर का उपयोग कोविड-19 वायरस द्वारा बनाए गए प्रोटीन के खिलाफ प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिकों की उपचार प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए किया गया है। यूएएच के शेल्बी सेंटर फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में स्थित, प्रयोगशाला ऐसे दवाओं की खोज कर रहा है जो हेवलेट पैकार्ड एंटरप्राइज (एचपीई) क्रेसेंटिनल सुपर कंप्यूटर का उपयोग करके वैश्विक महामारी से निपटने में मदद करेगी।
डॉक्टर जेरोम बॉड्री ने कहा, हमने सुपरकंप्यूटरों का इस्तेमाल ऐसे प्राकृतिक पदार्थों की खोज के लिए किया है जो सार्स-कोव-2 वायरस के तीनों प्रोटीनों को बांध सकेगी। 50,000 प्राकृतिक पदार्थों की हमने सुपरकंप्यूटर की मदद से जांच की है और हमें पता चला है कि 125 ऐसे पदार्थ हैं जो वायरस के प्रोटीन को बांधकर वायरस को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं। आगे के प्रयोगों में और भी ऐसे प्राकृतिक पदार्थ सामने आ सकते हैं।
औषधीय पौधों से मिले पदार्थ
इन प्राकृतिक पदार्थों को अमेरिका में मिलने वाले कई औषधीय पौधों से लिए गए हैं। इसके अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया और दक्षिण अमेरिका के कई पौधों से भी पदार्थों को जुटाया गया है। साथ ही समुद्र में पाए जाने वाले पौधों से भी नमूने जुटाए गए हैं।
वायरस पर होगा परीक्षण
अब वैज्ञानिक लैब में जीवित वायरस के ऊपर इन पदार्थों का प्रयोग करेंगे और देखेंगे कि कौन-सा पदार्थ सबसे ज्यादा प्रभावकारी साबित होता है। इन पदार्थों की मदद से कोरोनावायरस से लडऩे के लिए भविष्य में दवाइयां तैयार की जा सकती हैं।