नगरीय निकाय चुनाव के लिए 21 दिसम्बर को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा मतदान
चुनाव प्रचार के चलते कामवालियां घरों में काम करने नहीं पहुंच रही हैं और अगर पहुंच भी रहीं है तो विलंब के साथ। एक कामवाली बाई के मुताबिक वह चार घर में काम करती थीं, जिससे उसे एक घर से 12 रुपए मिलते थे। इस तरह उसे घरों में काम करने के बदले उसको रोजाना ३00 से ३50 रुपए मिलते हैं।
चुनावी खर्च की जानकारी नहीं देने वाले प्रदेश भर के 459 प्रत्याशियों को नोटिस, होगी कार्रवाई
उसने यह कह कर छुट्टी ले ली है कि अब वह चुनाव के बाद ही काम में आएगी। जबकि इससे कम समय प्रचार में देने पर दोगुने पैसे मिल जाते हैं। इसलिए अभी उसने घरों में जाकर काम करना बंद कर दिया है।
500 रुपए मिलेगा रोज
दरअसल, चुनाव के दौरान राजनीतिक दल इन बाइयों को 500 से 600 रुपए प्रतिदिन दे रहे हैं। इन पैसों के बदले इन महिलाओं को घर-घर जाकर उम्मीदवारों का प्रचार करना होता है। ऐसे में अगर महिलाएं 20 से 30 का समूह बनाकर सुबह ही घर से निकल जाती हैं और शाम को वापस लौटती हैं।
दो टाईम खाना मिलता है
एक एजेंट के अनुसार पैसों के अलावा इन महिलाओं को कपड़े और खाने को भी दिया जाता है। एक कामवाली बाई के अनुसार उन्हें प्रचार करने का रोजना नकद पैसा दिया जाता है, ऐसे वो काम के बजाय चुनाव प्रचार को अधिक पसंद करती हैं। बाई का कहना है कि घरों में पूरा दिन काम करके कुछ रुपए मिलते हैं, जबकि प्रचार में सुबह शाम का समय देकर ही अच्छे पैसे हाथ आ जाते हैं।