नववर्ष में देशभर में व्रत और त्यौहार
22 मार्च से ही नवरात्रि प्रारंभ होगी जो 30 मार्च को रामनवमी के साथ परी होगी। देश भर में नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना होगी। महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। सिंधी समाज के लोग इस दिन को चेटीचंड के पर्व के रूप में मनाते हैं। वहीं कर्नाटक में इसे युगादि, आंध्र प्रदेश में उगादी, कश्मीर में नवरेह के रूप में मनाया जाता है।
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ज्योतिश शास्त्र के अनुसार, शुक्ल योग को बहुत ही शुभ योग माना जाता है इस योग में किया गया कार्य बहुत ही शुभ माना गया है। जबकि ब्रह्म योग भी काफी फलदायी और शुभ योगों में से एक माना गया है। यही वजह है के इस बार नववर्ष विक्रम संवत 2080 लोगों के लिये सुख समृद्धि और ऐश्वर्य का कारक बनने वाली है। राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत की थी जिसके कारण इसे विक्रम संवत कहा जाता है। प्रत्येक हिन्दू संवत का नाम अलग अलग होता है