रायपुर

CG Health: आंबेडकर अस्पताल में पांच माह से हार्ट सर्जरी बंद, दर-दर भटकने को मजबूर मरीज…

CG Health: आंबेडकर अस्पताल स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 5 माह से ओपन हार्ट सर्जरी बंद है। ये इसलिए क्योंकि एबीजी मशीन के लिए री-एजेंट नहीं है। वॉल्व रिप्लेंसमेंट व हार्ट का छेद बंद कराने आने वाले मरीज भटक रहे हैं।

रायपुरSep 26, 2024 / 05:33 pm

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CG Health: आंबेडकर अस्पताल स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 5 माह से ओपन हार्ट सर्जरी बंद है। ये इसलिए क्योंकि एबीजी मशीन के लिए री-एजेंट नहीं है। वॉल्व रिप्लेंसमेंट व हार्ट का छेद बंद कराने आने वाले मरीज भटक रहे हैं। ऐसे मरीजों को एम्स रिफर किया जा रहा है, लेकिन वहां लंबी वेटिंग के कारण मरीजों के पास निजी अस्पताल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। एस्कार्ट हार्ट सेंटर 2017 में बंद हुआ था। तब एसीआई शुरू हुआ था। यानी 6 साल से हार्ट की बायपास सर्जरी भी शुरू नहीं हो सकी है। इसके लिए परयूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट नहीं है।
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कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन किरण कौशल ने मेडिकल कॉलेज में 22 अगस्त को डीएमई, डीन, अधीक्षक व सीजीएमएससी के आला अधिकारियों की बैठक ली थी। इसमें एबीजी मशीन के लिए री-एजेंट एक सप्ताह में व्यवस्था करने को कहा था। मीटिंग को एक माह से ज्यादा हो गए, लेकिन री-एजेंट की व्यवस्था नहीं हो पाई है। यही नहीं इसके लिए टेंडर भी नहीं हो पाया है। जैम पोर्टल में री-एजेंट सूची में शामिल नहीं है।
ऐसे में इसकी खरीदी जैम पोर्टल से भी नहीं की जा सकती। अस्पताल प्रबंधन को 50 हजार रुपए का री-एजेंट खरीदने का अधिकार है, लेकिन वे भी शासन के आदेशानुसार जैम पोर्टल से खरीदी करना चाहते हैं। ऐसे में इसकी खरीदी अटक गई है। यानी ओपन हार्ट सर्जरी कब शुरू होगी, कुछ कह पाना मुश्किल है। मतलब मरीजों को निजी अस्पताल में जाकर सर्जरी करानी होगी।

कम वेतन में नहीं आना चाहते डॉक्टर

एसीआई में संविदा में सेवा दे रहीं महिला कार्डियक एनेस्थेटिस्ट ने जनवरी में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। तब से कोई नए डॉक्टर ने यहां ज्वाइन नहीं किया है। 9 माह बाद भी कोई कार्डियक एनेस्थेटिस्ट का ज्वाइन नहीं करना बताता है कि ये सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर कम वेतन में नहीं आना चाहते। प्रबंधन ने प्रति केस मानदेय पर एनेस्थेटिस्ट, परयूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट बुलाकर किसी तरह ओपन हार्ट सर्जरी शुरू की थी।

संविदा असिस्टेंट प्रोफेसरों को 1 लाख वेतन

हाल ही में संविदा असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए एक लाख मासिक वेतन तय किया गया है। पहले 95 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा था। एसीआई में दो नियमित कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जन हैं। खून की नसों व फेफड़े की सर्जरी की जा रही है। हार्ट लंग मशीन तो है, लेकिन जरूरी स्टाफ नहीं होने के कारण हार्ट की बायपास सर्जरी शुरू ही नहीं हो पाई है।

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