इस वर्ष 13.68 लाख मीट्रिक टन खाद का लक्ष्य
राज्य के कृषि संचालनालय के प्रतिवेदन के अनुसार खरीफ फसलों के लिए इस साल 13.68 मीट्रिक टन उर्वरक का लक्ष्य रखा गया है। विभाग ने कुल भंडारण का 46% उर्वरक बांट भी दिया है। 2023 में विभाग ने 13.46 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा था।CM Jandarshan Chhattisgarh: कल से शुरू होगा CM साय का जनदर्शन कार्यक्रम, हर गुरुवार सुनेंगे जनसमस्या
Ground Water In CG: क्या होता भूजल में नाइट्रेट
नाइट्रोजन और ऑक्सीजन के मेल से मिट्टी में नाइट्रेट प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। प्राकृतिक रूप से नाइट्रेट का ओरिजनल स्रोत नाइट्रोजन गैस है। भूजल में नाइट्रेट का प्रमुख स्रोत खेतों में रासायनिक खाद का प्रयोग, पशु अवशेष, सीवेज और सैप्टिक का पानी है। यह बताना बहुत मुश्किल है कि भूजल में मिश्रित नाइट्रोजन का प्रमुख स्रोत क्या है। कोई भी विधि पानी को पूरी तरह नाइट्रेट फ्री नहीं कर सकती।नाइट्रेट के प्रभाव से जुड़े नए जिले
बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बस्तर, बेमेतरा, दुर्ग, गरियाबंद, कबीरधाम, कोरिया, राजनांदगांव, सूरजपुर।इन जिलों में पहले ही प्रभाव
बिलासपुर, धमतरी, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कोरबा, महासमुंद, रायगढ़, रायपुर, सरगुजा।Ground Water In CG: छत्तीसगढ़ में भूजल तालिका
यह छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में भूजल तालिका को प्रदर्शित करने वाला डेटा चार्ट है, जिसमें मानसून से पहले और मानसून के बाद मापी गई गहराई को दर्शाया गया है।ब्लू बेबी सिंड्रोम का खतरा
ज्यादा नाइट्रेट वाला पानी लगातार पीने से नवजात में ब्लू बेबी सिंड्रोम या मिथायमोग्लोबिनिमिया बीमारी हो जाती है। बच्चे का शरीर नीला पड़ जाता है। रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है। यह नर्वस और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करता है। यह गैस्ट्रिक कैंसर का कारण बन सकता है।Ground Water In CG: नाइट्रेट की मात्रा वाले टॉप 5 स्थान
जिला – स्थान – नाइट्रेट जशपुर – सन्ना – 76जशपुर – लुडेग – 75
कोरिया – खंडगांव – 73
राजनांदगांव – अंजोरा – 71
दुर्ग – खुरमुरी – 71
नाइट्रेट की मात्रा मिलीग्राम/प्रतिलीटर में