सराफा कारोबारियों का कहना है इसकी मुख्य वजह खरीदारों द्वारा बडे़ रकम का ट्रांजेक्शन और नकदी लेकर बाहर निकलने से परहेज करना है। (gold-silver price hike) पुलिस और फ्लाइंग स्क्वायड की चेकिंग के चलते 50, 000 रुपए से ज्यादा कैश लेकर निकलने से डर रहे। उन्हें आशंका है कि पकड़े जाने पर रकम का हिसाब देना पड़ेगा।
इसके नहीं दे पाने पर रकम जब्त हो सकती है। (gold-silver price in market) साथ ही परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। बता दें कि इस समय ब्लैकमनी और तस्करी रोकने के लिए शहर के चौक-चौराहों से लेकर आउटर के इलाकों में चेकपोस्ट बनाए गए हैं। जहां वाहनों और संदिग्ध लोगों की जांच की जा रही है।
इसलिए खरीदारी प्रभावित इस समय सोना प्रति तोला (10ग्राम) की कीमत करीब 70 हजार रुपए है। जीएसटी सहित 3 ग्राम सोना का ज्वेलरी खरीदी करने वाले को 2 लाख 10 हजार रुपए देना पड़ेगा। (gold-silver market price) इसका भुगतान नकद या फिर ऑनलाइन करना पड़ेगा। यूपीआई से एक दिन में 99,000 तक की सुविधा बैंकों द्वारा दी गई है। वहीं दुकानदार द्वारा यूपीआई से 1 लाख 90 हजार तक दुकानदार द्वारा भुगतान लिया जाना है। इसे देखते हुए खरीदारों को नकद भुगतान करने की मजबूरी है। बता दें कि यूपीआई से भुगतान की लिमिट बढ़ाने के लिए आवेदन करने पर ही बैंक द्वारा सुुविधा दी जाती है।
यह भी एक वजहखरमास के दौरान सराफा बाजार में सामान्य दिनों की अपेक्षा कारोबार मंदा रहता है। इस अवधि में किसी भी तरह का मांगलिक और कोई भी वैवाहिक शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसके चलते भी सोना-चांदी की खरीदी कम होती है। (gold-silver price today) कारोबारियों ने 18 अप्रैल से शादियों के शुरू होेने से सराफा बाजार में उठाव होने की आशंका जताई है।
कारोबार में मंदी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते चौक-चौराहों में चेकिंग के चलते अधिकांश लोग डर के कारण खरीदारी करने नहीं निकल रहे है। इसके चलते सराफा बाजार में मंदी छाई हुई है। इस समय कारोबार एक चौथाई रह गया है।
– सुरेश भंसाली, रायपुर अध्यक्ष रायपुर सराफा एसोसिएशन छोटी रकम लेकर चले किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए छोटी रकम लेकर चले। जांच के दौरान रोकने पर इसे रूटीन खर्च की राशि मानते हुए सामान्य रूप से नहीं रोका जाता। (gold-silver price hike) वहीं रकम लेकर चलते समय उसका दस्तावेजी साक्क्ष्य जरूर रखे। ताकि तलाशी के दौरान रोकने और पूछताछ करने पर हिसाब दिया जा सकें।
– चेतन तारवानी, सीए