यह है नियम
नई चारपहिया कर्मशियल वाहनों को प्रथम 8 वर्ष तक 2-2 वर्ष और उसके बाद 7 वर्ष तक 1-1 वर्ष का फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया गया है। वहीं 15 वर्ष पुराने वाहनों को प्रत्येक 6-6 महीने में फिटनेस कराना अनिवार्य है। इसी तरह 15 वर्ष पुराने निजी चारपहिया और दोपहिया वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन के साथ टैक्स जमा कराना पड़ता है। बता दें कि नई वाहन खरीदने पर लाइफटाइम टैक्स परिवहन विभाग लिया जाता है। इसकी अवधि 15 वर्ष होती है।
राज्य में 62 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत
राज्य में इस समय कुल 62 लाख 11 हजार 131 वाहन परिवहन विभाग में पंजीकृत है। इसमें से करीब 12000 यात्री बस और स्कूल बस, करीब 5 लाख कार, 39 लाख दोपहिया और कृषि सहित अन्य वाहन शामिल है। इसमें से करीब 30 फीसदी वाहनों का फिटनेस पिछले 1 वर्ष से नहीं हो पाया है।
फिटनेस जांच के निर्देश
संयुक्त परिवहन आयुक्त वेदव्रत सिरमौर ने कहा, केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर परमिट और फिटनेस जांच में 31 मार्च तक छूट दी गई है। इसके बाद अनफिट वाहनों की जांच करने अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान पकड़े जाने पर जुर्माना और परमिट निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी।