मिली जानकारी के अनुसार जनता कॉलोनी निवासी राधा निर्मलकर को प्रसव दर्द शुरू होने पर 9 जून को परिजन हमर अस्पताल ले गए। परिजनों ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही सोनोग्राफी करवा ली थी। जिसमें बच्चे के गले में नाल फंसने की बात सामने आ रही थी। इसके बाद भी हमर अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला को घर भेज दिया। 11 जून को फिर दर्द होने पर महिला परिजनों के साथ हमर अस्पताल पहुंची तो उसे भर्ती किया। लेकिन किसी भी डॉक्टर ने अटेंड नहीं किया। नर्स ही उसकी देखभाल करती रही।
रात में महिला की हालत ज्यादा खराब होने पर उसे निजी अस्पताल ले जाने की सलाह हमर अस्पताल के स्टाफ ने दी। परिजन उसे किसी तरह एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां अस्पताल प्रबंधन ने महिला की हालत देखते हुए भर्ती करने से मना कर दिया। फिर उसे दूसरे निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां पहले रुपए जमा कराए फिर उसका इलाज शुरू किया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि गर्भ में बच्चे की मौत हो गई है। रात में महिला का ऑपरेशन शुरू किया गया लेकिन कुछ देर बाद उसकी भी मौत हो गई।
परिजनों-मोहल्ले वालों ने किया प्रदर्शन सीएमएचओ ने जांच टीम बनाई
मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। कमेटी में स्त्री रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ और मातृ-शिशु योजना के नोडल अधिकारी शामिल हैं। दो दिन में जांच करके रिपोर्ट सौंपने कहा गया है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-डॉक्टर मिथिलेश चौधरी, सीएमएचओ, रायपुर