विधायक धरमलाल कौशिक, राजेश मूणत, सुशांत शुक्ला की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराने की घोषणा। उन्होंने कहा, पिछली सरकार में सुनियोजित रूप से भ्रष्टाचार हुआ। बिना जरूरी, बिना डिमांड के रिएजेंट सप्लाई की गई। 28 करोड़ की रिएजेंट खराब हो चुकी है और भी खराब होने की आशंका है। विधायक की मांग पर इस मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी।
ऑडिट में पकड़ी गई थी गड़बड़ी
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा, पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में मोक्षित कार्पोरेशन ने बाजार दर से कहीं ज्यादा कीमत पर रिएजेंट की सप्लाई कर कांग्रेस ने एवं कंपनी ने बड़ा मुनाफा कमाया है। रिएजेंट खरीदी मामले में ऑफिस ऑफ द प्रिंसिपल अकाउंट जनरल ऑडिट आब्जरवेशन ने बड़ी गड़बड़ी पकड़ी थी। ऑडिट ऑब्जरवेशन 29 जनवरी 2021 से 15 मार्च 2021 तक की गई थी। इस ऑडिट में 193 करोड़ रुपए की खरीदी में आपत्ति जताई गई थी।
ऑडिट रिपोर्ट में की गई आपत्ति के बावजूद टेंडर निरस्त नहीं किया गया। मोक्षित कारपोरेशन ने अपनी सप्लाई जारी रखी। कांग्रेस ने अपने शासन काल में डिमांड से अधिक खरीदी की और डिमांड से अधिक सप्लाई की। इस खरीदी प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी ईओडब्ल्यू या सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए।
पोहा उद्योग पर मंडी शुल्क अब 1 प्रतिशत
सदन में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में स्थापित पोहा उद्योग पर मंडी शुल्क दो रुपए प्रति सैकड़ा के स्थान पर एक प्रतिशत तथा उक्त उद्योग को कृषक शुल्क से मुक्त किया जाएगा। इसके लिए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने अशासकीय संकल्प लाया था। जिस पर कृषि मंत्री रामविचार ने सहमति व्यक्त कर अशासकीय संकल्प को पारित करने की बात कही।