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बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में वयस्कों एवं बच्चों द्वारा तंबाकू का उपयोग चिंताजनक है। राज्य की 39.1 प्रतिशत आबादी तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों का उपयोग करती है। प्रदेश में 13-15 वर्ष आयु वर्ग के आठ प्रतिशत बच्चे तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं। इस पर सभी संस्थाओं ने चिंता व्यक्त करते हुए बच्चों और युवाओं को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने को जरूरी बताया। बैठक में तंबाकू नियंत्रण के लिए कानूनी प्रावधानों जैसे कोटपा एक्ट-2003, कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) अधिनियम-2021 तथा ई-सिगरेट पर प्रतिबंध कानून-2019 का कड़ाई से पालन कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया गया। छत्तीसगढ़ की सभी शैक्षणिक संस्थानों तथा सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं को तंबाकूमुक्त बनाने के लिए एक क्रियान्वयन समिति का गठन शीघ्र किए जाने की भी जानकारी इस दौरान साझा की गई।
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राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही सहयोगी संस्थाओं और एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की सराहना की गई। डॉ. जैन ने बैठक में कहा कि राज्य को तंबाकूमुक्त बनाने में संस्थाओं की सहभागिता बहुत आवश्यक है। सामूहिक सहभागिता के माध्यम से ही राज्य को तंबाकूमुक्त बनाया जा सकता है। जन-जागरुकता के जरिए ही तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को राज्य में प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने सहयोगी संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि जमीनी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण के लिए कोई कमी दिख रही है तो वे इससे विभाग को अवगत कराएं। उन्होंने सामूहिक सहभागिता से खामियों और कमियों को दूर कर तंबाकूमुक्त राज्य की परिकल्पना को किस प्रकार साकार किया जा सकता है, इसे सुनिश्चित कराने में स्वयं का योगदान देने की अपील भी की।
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बैठक में ‘द यूनियन’ संस्था के सीनियर तकनीकी एडवाइजर डॉ. अमित यादव ने राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए सामूहिक सहभागिता की जरूरत को रेखांकित किया। राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की राज्य विधिक सलाहकार ख्याति जैन एवं राज्य सलाहकार डॉ. नेहा साहू ने राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की गतिविधियों और प्रयासों की जानकारी दी। बैठक में राज्य में संचालित टोल-फ्री नंबर 104 के प्रतिनिधि ने बताया कि तंबाकू का उपयोग छोडऩे के लिए मरीजों द्वारा टोल-फ्री नंबर 104 में कॉल कर सहायता ली जा रही है। टोल-फ्री नंबर के माध्यम से तंबाकू का उपयोग करने वाले मरीजों को तंबाकू छोडऩे के लिए आवश्यक परामर्श सेवाएं प्रदान की जा रही है। बैठक में वॉलेंट्री हैल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचएआई), सीथ्री और समर्थन संस्था, रायपुर के अवतार नशामुक्ति केन्द्र, पिरामल स्वास्थ्य, सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, रायपुर एवं बिलासपुर स्थित दंत चिकित्सा महाविद्यालय तथा राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र (एसएचआरसी) के प्रतिनिधियों ने तंबाकू नियंत्रण के लिए अपने-अपने संस्थानों द्वारा किए जा रहे कार्यों के अनुभव साझा किए।
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