स्वीकृति के बाद अब सीधे निर्माण कार्य शुरू होगा
काॅरीडोर के निर्माण को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी, जमीन अधिग्रहण से लेकर स्टेशन भी चिन्हित कर लिए गए हैं। लेकिन निर्माण एजेंसी छग रेल कार्पोरेशन को निर्माण शुरू करने की अंतिम अनुमति नहीं मिली थी। लेकिन रेल मंत्रालय के इस स्वीकृति के बाद अब सीधे निर्माण कार्य शुरू होगा। इस रूट पर रेल की सुविधा बहाल किए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। अब निकट भविष्य में यह सपना साकार हो पाएगा।
कुल 27 स्टेशन होंगे, मेन लाइन में ट्रैफिक कम होगा
डोंगरगढ़ से कटघोरा रेल लाइन के लिए बीच कुल 27 स्टेशन बनेंगे। इसमें 12 स्टेशन राजनांदगांव जिले में और 15 स्टेशन कवर्धा से कटघोरा के बीच बनेंगे। खास बात यह है कि उक्त रेल लाइन के बनने के बाद नागपुर झारसुगुडा रेलमार्ग पर चलने वाले मालगाड़ियों का लोड कम होगा। इससे मालगाड़ियों की गति भी बढ़ेगी। इसी तरह 27 स्टेशन वाले हिस्सों में पहली बार रेल लाइन पहुंचेगी। लंबे समय से इस रूट में सुविधा की दरकार थी।
नई रेलवे लाइन से रोजगार के अवसर अधिक मिलेंगे
रेल लाइन निर्माण से न सिर्फ डोंगरगढ़ से कवर्धा होकर कोरबा यात्रियों को राहत मिलेगी वरन कोयला व अन्य खनिज के परिवहन से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। रेल लाइन में डोंगरगढ़ से कवर्धा के मध्य लोहारा, गंडई, छुईखदान सहित 12 तथा कवर्धा से कटघोरा के मध्य पंडरिया, बेरला, मुंगेली, तखतपुर, काठाकोनी सहित 15 स्टेशन का निर्माण होना है। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
सांसद पांडेय ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया
कॉरीडोर के लिए रेल मंत्रालय की स्वीकृति पर सांसद संतोष पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार जताया है। पांडेय ने बताया कि परियोजना का सर्वाधिक लाभ जिले के डोंगरगढ़, कबीरधाम, को मिलेगा जहां स्वतंत्रता के बाद से ही रेल लाइन की कमी महसूस की जा रही थी। रेल लाइन निर्माण से न सिर्फ डोंगरगढ़ से कवर्धा होकर कोरबा यात्रियों को राहत मिलेगी।