कोरबा में माया आदिवासी विकास विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर रह चुकी हैं। दूसरी ओर कोयला घोटाले में जेल भेजे गए सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर और रोशन सिंह के नार्को टेस्ट के संबंध में 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
बता दें कि डीएमएफ
घोटाले में यह पहली गिरफ्तारी है। ईडी ने मंगलवार को माया वारियर को पूछताछ के लिए बुलाया था। आरोप है कि अपनी पदस्थापना के दौरान रानू ने आदिवासी विकास विभाग की तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर माया को फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए दिए गए थे। जांच के दौरान इसके इनपुट मिलने के बाद माया को गिरफ्तार किया है।
रानू नहीं हुई पेश
रानू साहू की गिरफ्तारी के लिए ईडी ने प्रोडक्शन वारंट का आवेदन पेश किया था। लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके पक्षकार की तबीयत खराब है। इसलिए उन्हें अदालत में पेश नहीं किया जा सकता।अब इस मामले की सुनवाई 17 को होगी।
DMF Scam: जेल में रानू साहू को हायपरटेंशन, बीपी बढ़ा
ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि अभी इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। अभी डीएमफ को लेकर जो लॉन्ड्रिंग की गई है उस मामले जांच की गई है। निलंबित IAS रानू साहू कोरबा और रायगढ़ दोनों जगह कलेक्टर रहीं हैं। दोनों ही कोल रिच एरिया हैं। रानू साहू वर्तमान में वह ACB की ज्यूडिशयल रिमांड पर हैं। हमने एप्लिकेशन पेश किया था, जिससे आगे की कार्रवाई कर सकें। लेकिन जेल से आज ऐसी खबर आई है कि रानू साहू को हायपरटेंशन की प्रॉब्लम हो गई है, ब्लड प्रेशर बढ़ गया है।
उन्होंने बताया कि, DMF की जांच में माया वारियर जो की इसी ऑफिस से रिलेटेड रही हैं उनको भी मंगलवार को अरेस्ट किया था। बुधवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। हमने कस्टोडियल रिमांड की मांग की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया है।
रानू साहू के कार्यकाल के दौरान संबधित विभाग में तैनात थीं वॉरियर
पांडेय ने बताया, “जब साहू कोयला समृद्ध क्षेत्रों में कलेक्टर थीं ( पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार) तब वारियर को संबंधित विभाग में तैनात किया गया था और डीएमएफ में अनियमितताओं को बढ़ावा दिया गया।” एजेंसी ने इस मामले में एक मार्च को राज्य में 13 स्थानों पर छापेमारी की थी और डिजिटल व कागजी दस्तावेजों के अलावा लगभग 27 लाख रुपए नकद जब्त किए थे।