* लक्ष्मी पूजन के लिए कभी बड़ी प्रतिमा का उपयोग न करें, बल्कि इसके लिए छोटी प्रतिमा का प्रयोग करें। लक्ष्मी जी के साथ-साथ गणेश पूजा भी शुभ-लाभ के लिए होती है। * घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं। रंगोली के लिए आर्टिफिशियल रंगों का प्रयोग न करें। इनके बजाय हल्दी, आटा व रोली का प्रयोग करें।
* पहले आम व अशोक के पत्तों से मुख्य द्वार पर बंदनवार बांधा जाता था। अब फूलों के अलावा रेडीमेड बंदनवार भी लगाए जाने लगे हैं। * मां लक्ष्मी के पदचिह्न मुख्य द्वार पर ऐसे लगाएं कि कदम बाहर से अंदर की ओर जाते हुए प्रतीत हों।
* दरवाजे पर हल्दी व कुमकुम से स्वास्तिक बनाना भी शुभकारी है। * दिवाली के दिन घर में श्रीयंत्र की स्थापना करनी चाहिए और प्रतिदिन गाय के घी का दिया जलाकर इसकी पूजा करनी चाहिए। इससे भौतिक सुख-शांति की प्राप्ति होती है। श्री यंत्र की पूजा के लिए निम्न मंत्र का उच्चारण करें- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
* दिवाली पर दीये अगर चार के गुणांक में लगाए जाएं तो इन्हें बहुत शुभ माना जाता है। जैसे- आठ, बारह, सोलह और बीस आदि।
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महालक्ष्मी पूजन का चौघडिय़ा मुहूर्त
लाभ : सुबह 9 से 10.50 बजे तक
अमृत : सुबह 10.30 से 12 बजे तक शुभ : दोपहर 1.30 से 3 बजे तक
शुभ शाम : 6 बजे से 7.30 बजे तक
अमृत रात : 7.30 बजे से 8.39 बजे तक
वृषभ लग्न : शाम 6.36 से रात 8.35 बजे तक मिथुन लग्न : रात 8.35 से 10.48 बजे तक
सिंह लग्न : रात 1.02 बजे से रात 3.13 बजे तक
( पंडित मनोज शुक्ला, महामाया मंदिर, रायपुर) Click & read More
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