ऊपर से शहर के कई क्षेत्रों में डेंगू जैसी बीमारी का खतरा लगतार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि बरसात के पानी का बहाव कई दिनों से रुका हुआ है, जिससे बदबू और मच्छरों का झुंड पनप रहा है। नतीजा, घरों में शाम होते ही मच्छरों का हमला तेज हो जाता है। छतों पर दो मिनट रुकना मुश्किल होता है। घरों में दो से तीन मच्छर अगरबत्ती और क्वाइल्स जलाने पर ही मच्छरों की भिनभिनाहट कम होती है। दूसरी तरफ निगम प्रशासन एंटी लार्वा फॉङ्क्षगग और नालियों में गम्बूजिया मछली डालने का दावा कर रहा है, परंतु जमीनी स्तर पर कहीं दिखाई नहीं देता।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि मितानिनों से घर-घर सर्वे कराया जाए। जिन लोगों में बुखार के लक्षण हो उनका डेंगू परीक्षण करें। साथ ही उन घरों में डेंगू फ्लॉस दवाई दें, ताकि लोग लिक्विड बनाकर कूलर तथा एकत्र पानी में डाल सकें।
कूलरों का पानी खाली करने पर जोर शहर के कई क्षेत्रों से डेंगू के मरीजों की सूचनाएं आ रही हैं। इसे देखते हुए शनिवार को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे को मैदान में उतरना पड़ा। उन्होंने राजधानी के रामनगर बस्ती सहित कई मोहल्ले का दौरा किया और लोगों से कूलरों का पानी लगातार खाली करते रहने और बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाने के लिए प्रेरित किया। कलेक्टर डॉ. भुरे के साथ मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने पानी के जमाव वाले स्थलों का निरीक्षण कर जमे हुए पानी को फेंकने का निर्देश दिया।
विनोबा भावे व हनुमाननगर में डेंगू के मरीज भाजपा नेता रमेश ठाकुर ने बताया कि वामन राव लाखे वार्ड के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ा है। इसके बावजूद निगम प्रशासन न तो सघन सफाई अभियान चला रहा है न फॉगिंग। उन्होंने बताया कि वार्ड के विनोबा भावे नगर एवं हनुमान नगर क्षेत्र के कई लोग डेंगू से पीड़ित हैं।