धान की बढ़ी कीमतों को लेकर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे (CG Agriculture Minister Ravindra Chaubey) ने चिंता जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार के केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से किसानों के हितों की रक्षा के लिए रासायनिक उर्वरक कंपनियों की इस मनमानी और बेतहाशा मूल्य वृद्धि पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया है।
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जानकारी के अनुसार अभी रबी सीजन 2020-21 में डीएपी किसानों को 1200 रुपए प्रति बोरी के दर पर उपलब्ध कराई गई थी। खरीफ सीजन 2021 में इसका मूल्य बढ़ाकर 1900 रुपए प्रति बोरी कर दिया गया है। जबकि बीते एक साल से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं। ऐसी स्थिति में डीएपी सहित अन्य रासायनिक उर्वरकों के दामों में वृद्धि के चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी और वह खरीफ सीजन के लिए खाद खरीदने में असहाय हो जाएंगे।सब्जी उत्पादकों को ज्यादा नुकसान
रासायनिक खाद की कीमत बढऩे से वैसे तो सभी किसानों को नुकसान होगा, लेकिन सब्जी उत्पादकों को इसकी सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ेगी। प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त का कहना है, धान की फसल के लिए एक एकड़ में एक बोरी डीएपी की आवश्यकता होती। वहीं सब्जी उत्पादकों को एक एकड़ में दो से तीन बोरी डीएपी की जरूरत पड़ती है।
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सोसाइटी में 1800 रुपए कीमत
बाजार में डीएपी की कीमत प्रति बोरा 1900 रुपए हैं। जबकि सरकारी सोसाइटियों में इसकी कीमत कम है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के प्रबंधन संचालक के मुताबिक किसानों को सोसाइटी से यह खाद 1800 रुपए में मिलेगी।
पहले रेट कम किया फिर बढ़ाया
किसान नेता डॉ. संकेत ठाकुर का कहना है कि केंद्रीय उर्वरक मंत्री (Union Minister of Fertilizers) ने डीएपी का कीमत कम करने की बात कहीं थी। इसके लिए 11 अप्रैल को एक आदेश भी जारी हुआ था। इसके बाद फिर 28 अप्रैल को बढ़ी कीमतों को लेकर आदेश जारी कर दिया गया। यह किसानों के साथ कुठराघात है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।