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इससे कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की भयावकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। श्मशानघाटों में लाशों की कतार लगा हुई है, जलाने और दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है। शवों को ले जाने के लिए मुक्तांजलि वाहन कम पड़े तो जिलों ने ट्रकों और अन्य वाहनों को शव वाहन बना दिया।यह भी पढ़ें: पॉजिटिव खबर: 100 साल के बुजुर्ग के सामने कोरोना 5 दिन में चित, स्वस्थ होने के बाद कही ये बात
अप्रैल में सामान्य बीमारी से मरने वालों की संख्या 2268 रही, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 4402 रही। इनमें से 3817 शवों को मुक्ताजंलि के जरिए श्मशानघाट तक पहुंचाया गया। इसी प्रकार 17 मई तक सामान्य बीमारियों से अस्पतालों में 1,100 मरीजों ने दमतोड़ा, इन्हीं 17 दिनों में कोरोना से 3,714 जानें गईं। इनमें 2,037 शवों को मुक्तांजलि के जरिए परिवहन किया गया। हालांकि मई के पहले 10 दिनों की तुलना में बाकी के 10 दिनों में मौतों का आंकड़ा 200 के नीचे आया है।कोरोना मृतकों के शवों के लिए मुक्तांजलि कम पड़ी
प्रदेश में अप्रैल में सर्वाधिक मौतें हुईं। इनमें से 585 और मई में 1677 शवों को मुक्तिधाम तक पहुंचाने के लिए मुक्तांजलि (शव वाहन) नहीं मिल सके। इन्हें ट्रक और अन्य वाहनों को बनाए गए शव वाहनों के जरिए परिवहन किया गया। प्रदेश में 107 मुक्तांजलि वाहन हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शासन से 18 और वाहन मांगे हैं ताकि शव का परिवहन ससम्मान किया जा सके। मुक्तांजलि के स्टाफ पूरे कोरोना काल में ड्यूटी पर तैनात हैं।
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घरों में मरने वालों का कोई रेकॉर्ड नहीं
कोरोना के चलते अस्पतालों में रूटीन का इलाज प्रभावित होता आ रहा है। इमरजेंसी को छोड़ बाकी ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। कई मौतें इलाज के अभाव में भी हो रही होंगी। घर में मरने वालों का अभी डेटा शासन-प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। हालांकि मृत्यु प्रमाण-पत्रों के लिए लॉकडाउन खुलने पर नगर निगमों में आवेदनों की संख्या बढ़ी है।
मौतों का भयावह आंकड़ा
माह- नॉन कोविड – कोविड
जून 2020- 2671- 13
जुलाई 2020- 2956- 39
अगस्त 2020- 2738- 326
सितंबर 2020- 2505- 1107 (पहला पीक)
अक्टूबर 2020- 2522- 797
नवंबर 2020- 2765- 631
दिसंबर 2020- 2806- 476
जनवरी 2021- 3108- 297
फरवरी 2021- 2711- 121
मार्च 2021- 2763- 380
अप्रैल 2021- 2268- 3817 (दूसरा पीक)
मई 2021- 1100- 2037
(नोट- ये संख्या उन मृतकों की है जिन्हें मुक्तांजलि के जरिए मुक्तिधाम तक पहुंचाया गया। जिनकी मौतें अस्पताल में हुईं।)